धर्म डेस्क: भगवान शिव को सभी देवी-देवताओं में सबसे भोला माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई भी भक्त यदि श्रद्धा से प्रेम पूर्वक उनकी अराधना करता है तो वे बहुत जल्दी उससे प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते है। शायद इसीलिए उनके कई नामों में से एक नाम भोले भंडारी भी है। वैसे तो भगवान शिव के भक्त प्रत्येक सोमवार उनकी पूजा अर्चना करते है। लेकिन सावन के महीने में विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है। (तीन मुखी रुद्राक्ष दिलाता है कई बीमारियों से निजात, जानिए और फायदे)
शास्त्रों के अनुसार सावन में आने वाले चार सोमवार को विशेष महत्व वाला बताया गया है। इस पूरे महीने भक्त भगवान शिव की अराधना में लीन होते है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए सावन के महीने में सोमवार में ही व्रत रखने शुरू किए थे। ऐसा भी विश्वास किया जाता है कि यदि लड़कियां इन्हीं सावन के चारों सोमवार को व्रत रखती है तो उन्हें भी भगवान शिव जैसा पति प्राप्त होगा। (इस बार रक्षाबंधन में ग्रहण का काला साया, इस मुहूर्त में ही बांधे भाई को राखी)
भविष्यपुराण के अनुसार त्रयोदशी की रात का पहला प्रहर जो व्यक्ति किसी भेट के साथ शिव का दर्शन करता है, तो सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पार्थिव पूजन करें। इसके लिए शिव की मिट्टी से शिवलिंग बनाकर विधि-विधान से पूजा करें और अपने हाथ से विसर्जित करें। जानिए सावन में भगवान शिव की पूजा कैसे करना चाहिे, देखे विडियो।
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