नई दिल्ली: दीपावाली हिन्दू धर्म का मुख्य पर्व है। रोशनी का पर्व माना जाने वाली दीवाली कार्तिक अमावस्या के दिन होती है। इस साल दीवाली 11 नवंबर 2015 को है। इस दिन श्री गणेश और ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह साल का वनवास करके वापस लौटे थे।
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श्री राम और लक्ष्मण और माता सीता के आगमन से अयोध्यावासी बहुत खुश हुए। जिससे कारण उन्होनें घी के दीपक जलाएं जिससे पूरी अयोध्या रोशनी से जगमगा गई। जिस दिन श्री राम अयोध्या आए। उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या थी। इसी कारण इस दिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दीपावली मनातें है। भगवती महालक्ष्मी चल एवं अचल संपत्ति देने वाली हैं। दीपावली की रात लक्ष्मीजी के विधिवत पूजन से हमारे सभी दुख और कष्ट दूर होते हैं। लक्ष्मी पूजन जानिए कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा और शुभ मुहूर्त के बारें में।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहुर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- शाम 5:42 से 6:37 तक
प्रदोष काल- शाम 5:25 से 8:05
वृषभ काल- शाम 5:42 से 7:37 तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त
मुहूर्त (लाभ, अमृत) - सुबह 6:44 से 9:25 तक
मुहूर्त (शुभ) -सुबह 10:45 से 12:05 तक
मुहूर्त (चर, लाभ)- दोपहर 2: 45 से 5:26 तक
मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- शाम 7:06 से 11:16 तक
सबसे पहले अपने को पवित्र करें। इसके लिए पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके खुद का तथा पूजन सामग्री पर जल छिड़कते हउए इस मंत्र को पढ़ें-
ऊं पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
इसके बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें।
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