धर्म डेस्क: अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में काफी शुभ दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी भी शुभ काम को किया जा सकता है। इस दिन वृंदावन के बांके बिहारी की भी खास पूजा अर्चना होती है। अक्षय तृतीया के अवसर पर मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी के चरणों के दर्शन करने पर विशेष कृपा बरसती है। यही वजह है कि अक्षय तृतीया के दिन यहां लोगों भी भीड़ रहती है।
बांके बिहारी मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है। ये भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस बार भी अक्षय तृतीया के दिन बहुत ही अधि मात्रा में भक्तगण दर्शन करने के लिए खड़े थे।
Banke Bihari vrindavan
ऐसा था बाके बिहारी का स्वरुप
भगवान श्रीकृष्ण की काले पत्थर की मूर्ति है। सिर पर सोने का मुकुट, शरीर में सुंदर वस्त्र और पैरो में खूबसूरत सी पायल, लेकिन इन पायल की कुछ खास बात थी। वो थी पैरों के पास लगा एक बड़ा सा लड्डू। सबसे हैरानी की बात ये कि पिछले साल की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण के पैरों के पास एक बड़ा सा लड्डू है। अक्षय तृतीया के अलावा सालो भर भगवान के चरणों को फूल, वस्त्र और आभूषणों से ढंक दिया जाता है।
जानिए क्यों है ये लड्डू खास
ये लड्डू भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का एक अहम हिस्सा है। ये लड्डू कोई आम लड्डू नहीं बल्कि ये चंदन का है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान को खासकर मल्यागिरी का चंदन उन्हें लगाया जाता है और इस दिन भगवान कृष्ण को चरणों में पायल भी पहनाया जाता है। आज ही के दिन से उनकी पंखा सेवा भी शुरू हो जाती है। अक्षय तृतीया के दिन बांके बिहारी को सत्तू के लड्डू, शरबत, ककड़ी और आमरस का भोग लगाया जाता है।
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