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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण, क्रिसमस, मार्गशीर्ष अमावस्या समेत पड़ रहे हैं ये व्रत त्‍योहार

हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण, क्रिसमस, मार्गशीर्ष अमावस्या समेत पड़ रहे हैं ये व्रत त्‍योहार

हिन्दी महीनों के अनुसार ये साल का नौंवा महीना है जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण है। जानिए दिसंबर माह का व्रत-त्योहार

हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण, क्रिसमस, मार्गशीर्ष अमावस्या समेत पड़ रहे हैं ये- India TV Hindi Image Source : INSTA/ANGELICQUE.TOOMBS/MITEINANDERVOESE हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण, क्रिसमस, मार्गशीर्ष अमावस्या समेत पड़ रहे हैं ये व्रत त्‍योहार

हिन्दी महीनों के अनुसार ये साल का नौंवा महीना है जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस महीने को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है।  दरअसल जिस महीने की पूर्णिमा तिथि जिस नक्षत्र से युक्त होती है, उस नक्षत्र के आधार पर ही उस महीने का नामकरण किया जाता है। चूंकि इस महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, इसलिये इस माह को मार्गशीर्ष कहा जाता है। इसके अलावा इसे मगसर, मंगसिर, अगहन, अग्रहायण आदि नामों से भी जाना जाता है। इस माह उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, सोमवती अमावस्या, सूर्य ग्रहण के साथ कई व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं।

दिसंबर माह 2020 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

संकष्टी चतुर्थी
3  दिसंबर को संकष्ठी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन गणपति की विधि विधान से पूजा करने से आपको हर कष्ट से छुटकारा मिल जाएगा।

काल भैरव जयंती
7 दिसंबर को मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी  मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की पूजा करके मानसिक और शारीरिक परेशानियों से निजात पा सकते हैं।

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उत्पन्ना एकादशी
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी व्रत करने का विधान है। माना जाता है कि इसी एकादशी से साल भर के एकादशी व्रत की शुरुआत की जाती है। इस बार 10 दिसंबर को पड़ रही है।

प्रदोष व्रत (कृष्ण)
भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए यह सबसे विशेष दिन माना जाता है। किसी भी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की महिमा अपरमपार होती है।  प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है। प्रदोष काल उस समय को कहा जाता है, जब दिन छिपने लगता है, यानि सूर्यास्त के ठीक बाद वाले समय और रात्रि के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहा जाता है। आपको बता दें सावन का आखिरी प्रदोष व्रत है। जिसके कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।  प्रदोष व्रत 12 दिसंबर को है।

मार्गशीर्ष अमावस्या, सूर्य ग्रहण
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या होगी। इसे पितृ और अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पितर को खुश करने के कई उपाए किए जाते है। इस बार 14 दिसंबर को है।  अमावस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है।  

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धनु संक्रांति
15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहा है। जिसके कारण इसे धनु संक्रांति कहा जाएगा। यह 14 जनवरी 2021 तक इस राशि में रहेगा।

विवाह पंचमी
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि आज ही के दिन मिथिला में सीता स्वयंवर जीतकर भगवान श्री राम ने माता सीता से विवाह रचाया था। इस बार यह शुभ दिन 19 दिसंबर को पड़ रहा है।

मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, क्रिसमस
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और शनिवार का दिन है। हिंदू धर्म में मोक्षदायिनी एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। मोक्षदा एकादशी का धार्मिक महत्व पितरों के मोक्ष दिलाने वाली एकादशी के रुप में भी माना जाता है। इस एकादशी को विधि-विधान से पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है।

ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार क्रिसमस डे भी 25 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है। जिसे ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाते है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
30 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा होगी। शास्त्रों के अनुसार इस माह को श्री कृष्ण का माह माना जाता है। इस बारे में उन्होंने खुद कहा है कि ''मैं मार्गशीर्ष माह हूं तथा सत युग में देवों ने मार्ग-शीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही साल का प्रारम्भ किया था।

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