Vijaya Ekadashi Subh Muhurat And Puja vidhi: आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि और शनिवार का दिन है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में विजय मिलती है। साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं, यानी एक महीने में दो, लेकिन अधिकमास पड़ने पर इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली इन एकादशियों का नाम भी अलग-अलग रखे गये हैं और इनसे मिलने वाले फल भी अलग-अलग होते हैं। बता दें कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। ये एकादशी विजय दिलाने वाली है। आज के दिन व्रत करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय मिलती है, लिहाजा उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ता है।
प्रत्येक एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। अतः आज के दिन एकादशी का व्रत और भगवान की पूजा से कैसे आप जीवन के हर क्षेत्र में विजय पा सकते हैं, अपने शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं और अपने आने वाले जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। जानें विजया एकादशी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त।
विजया एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त-
दिन में 12:09 बजे से 12:57 तक
शाम 06:05 से 06:30 तक
दोपहर 02:27 से 03:15 तक
विजया एकादशी पारण मुहूर्त-
03 मार्च 06:40 से 09 बजकर 05 मिनट प्रातः तक।
विजया एकादशी पूजा विधि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, विजया एकादशी के दिन व्रत करने वाले मनुष्य को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके पश्चात विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की मूर्ति पर गंगाजल से छिड़काव करें, फिर रोली और चावल का तिलक लगाकर, आरती करें। ध्यान रहें कि लक्ष्मी पूजन के दौरान घी का दीपक ही जलाएं। पूजा करने के पश्चात अपने रोजाना के कार्य करें। विजया एकादशी के दिन व्रतधारी पूरे दिन मन ही मन भगवान का ध्यान करें और शाम में आरती के बाद फलाहार कर सकते हैं
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