नवरात्र के वास्तु शास्त्र में आज की चर्चा देवता और फूलों की। देवता या देवियां की एक ख़ास किस्म के एनर्जी पैटर्न हैं और फूल सुगंध और रंग का मिला-जुला रूप और इनका सीधा सम्बन्ध घर के वास्तु शास्त्र से है।
इसी सत्य को पहचान कर भारतीय मनीषियों ने तंत्र सार, मन्त्र महोदधि और लघु हारीत में लिखा है कि - सफ़ेद और पीले फूल विष्णु को प्रिय हैं, लाल फूल-सूर्य, गणेश और भैरव को प्रिय हैं, भगवान शंकर को सफ़ेद पुष्प पसंद है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि किस एनर्जी पैटर्न को कौन सा रंग या गंध फेवरेबल नहीं है, तो नोट करिये भगवान विष्णु को अक्षत यानि चावल, मदार, और धतूरे के फूल नहीं चढ़ाने चाहिये। माता को दूब, मदार, हरसिंगार, बेल एवं तगर नहीं चढ़ाना चाहिये।
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चंपा और कमल को छोड़ कर किसी पुष्प कि कली नहीं चढ़ानी चाहिये, कटसरैया नागचम्पा, और बृहती के पुष्प वर्जित माने गये हैं। इन बातों का ध्यान करके आप अनायास वास्तु दोष से बच सकते हैं। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरुर लाभ उठाएंगे।
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