नवरात्र स्पेशल वास्तु शास्त्र में कल अखंड ज्योति और पूजा सामग्री की दिशा के बारे में बताया गया था। आज आप अष्टगंध से जुड़ी खास बातों के बारे में जानिए। अष्टगंध खास किस्म के केमिकल होते हैं, जो लगाये जाने पर एक खास एटिट्यूड जेनरेट करते हैं और हमारे विचारों को, बायोक्लॉक और घर की कलेक्टिव क्लॉक, यानि कि वास्तु को प्रभावित करते हैं।
इस सबसे संबंधित हमारे पुरखों ने कौन-सी शक्ति हमारी हाथों की उंगलियों में पहचानी थी, उसे वर्तमान रूप-रेखा औरा और प्राणिक हीलिंग के तौर पर समझा जा सकता है| तो नवरात्र के दौरान देवी के लिये गंधाष्टक ऐसे तैयार करें- चन्दन, अगर, कपूर, ग्रंथिपर्ण, केसर, गोरोचन, जटामासी और लोहबान |
साथ ही देवों और ऋषियों को अनामिका उंगली से, पितरों को तर्जनी से और स्वयं या किसी अन्य मनुष्य को मध्यमा ऊंगली से गंध आदि लगानी चाहिए | नवरात्र के वास्तु टिप्स में कल आपको पूजा में प्रसाद और नैवेद्य के बारे में जानकारी देंगे।
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