वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए विभिन्न ग्रहों की दिशा के बारे में कि किस ग्रह का किस दिशा से संबंध है। तो सबसे पहले आपको सूर्य ग्रह के बारे में बता दें। पूर्व दिशा को सूर्य ग्रह की दिशा माना जाता है, यानी सूर्यदेव पूर्व दिशा के स्वामी हैं। इसके अलावा चन्द्रमा वायव्य कोण, यानी उत्तर-पश्चिम दिशा के स्वामी है।
मंगल ग्रह दक्षिण दिशा के स्वामी हैं। बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी हैं। बृहस्पति, यानी गुरु ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा के स्वामी हैं। शुक्र ग्रह आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा के स्वामी है और शनि ग्रह पश्चिम दिशा के स्वामी हैं।
दरअसल ये सारी बातें हम आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व होता है। अगर चीज़ों को उनकी सही दिशा के हिसाब से रखा जाये, तो उस चीज़ के साथ ही उस दिशा के भी शुभ परिणाम मिलते हैं। अतः इन सभी ग्रहों से जुड़ी चीज़ों को अगर आप उस ग्रह की दिशा के हिसाब से रखेंगे तो आपको उन ग्रहों का भी शुभ फल प्राप्त होगा।
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