वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कर्ज से पूजा घर के संबंध के बारे में । वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर का निर्माण ईशान कोण ( पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा) में करवाना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन इस दिशा में मंदिर बनवाते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजास्थल के नीचे पत्थर का स्लैब न लगवाएं अन्यथा आप कर्ज के चंगुल में फंस सकते हैं।
पत्थर की जगह आप लकड़ी की स्लैब या अलग से लकड़ी का पूरा मंदिर बनवा सकते हैं। परंतु ध्यान रहे कि लकड़ी का मंदिर बिल्कुल दीवार से सटा ना हो, दीवार से थोड़ा हटाकर ही मंदिर का निर्माण करवाएं। अगर आप उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी के मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं तो मंदिर के नीचे गोल पाए जरूर बनवाएं |