मंदिर में इस तरह न रखें भगवान की मूर्ति, साथ ही जानें और भी वास्तु उपाय
मंदिर से संबंधित वास्तु उपायों का मानना बहुत ही जरुरी है। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से मंदिर से संबंधित कुछ वास्तु उपायों के बारें में।
धर्म डेस्क: वास्तु शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है। जिसमें आपके रोज की दिनचर्या से लेकर घर-परिवार की छोटी-छोटी इतनी सारी बातें बताई गई है। जिनमें से अगर आप कुछ चीजों का पालन करें तो आपके घर कभी भी निगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं करेगी। इसी तरह घर में एक मंदिर का होना सबसे शुभ माना जाता है। जिसका एक अपना ही अलग महत्व है। यह एक ऐसी जगह है जहां से आपके घर ही नहीं बल्कि शरीर में भी पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होता है। ऐसे में मंदिर से संबंधित वास्तु उपायों का मानना बहुत ही जरुरी है। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से मंदिर से संबंधित कुछ वास्तु उपायों के बारें में।
इस तरह न रखें मंदिर में मूर्ति
मंदिर में भगवान की मूर्तियों को सामने की तरफ रखना चाहिए। मंदिर या घर की किसी और जगह पर भी भगवान की मूर्ति कभी भी इस तरह नहीं रखनी चाहिए कि उसके पीछे का भाग, यानी पीठ दिखाई दे। मूर्ति बिल्कुल सामने से दिखनी चाहिए। भगवान की पीठ का दिखना शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा पूजा घर में कभी भी गणेश जी की दो से अधिक मूर्तियां या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। अन्यथा यह शुभ फलदायी नहीं होता। घर की दो अलग-अलग जगहों पर एक भगवान की दो तस्वीर हो सकती हैं, लेकिन एक ही जगह पर एक भगवान की दो तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा भगवान की ऐसी मूर्ति या तस्वीर भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, जो युद्ध की मुद्रा में हो या जिसमें भगवान का रौद्र रूप हो। साथ ही खंडित मूर्तियों को भी घर में नहीं रखना चाहिए। उन्हें तुरंत विसर्जित कर देना चाहिए। घर में हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद की मुद्रा वाली भगवान की मूर्तियां ही लगानी चाहिए। इससे घर या मन्दिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस रंग का कराए मंदिर में पेंट
घर में मंदिर का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। सुबह नित्यकर्मों से निवृत होकर व्यक्ति भगवान के दर्शन के लिए ही जाता है। और अगर वहां ऐसे रंग होंगे जो नेगेटिव ऊर्जा का संचार करते हों या जो उस वातावरण के लिए ठीक ना हो तो भगवान की भक्ति में भी मन नहीं लगता है। रंग बहुत ही सौम्य और मन को शांति देने वाले होने चाहिए। इस हिस्से में सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए। इसलिए पूजा घर की दिवारों पर हल्का पीला रंग या गेरूआ रंग करवाना ठीक रहता है और फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के पत्थर का चुनाव करना अच्छा होता है।
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