धर्म डेस्क: बाजार में अलग-अलग चीज़ों की अलग-अलग दुकान देखने को मिलती है। सब दुकानों की अपनी एक अलग पहचान होती है, लेकिन इन दुकानों पर एक ही तरह का वास्तु नियम लागू होता है। जानिए ऐसे ही दुकान के वास्तु संबंधी कुछ बातों के बारें में...
प्रवेश द्वार
दुकान में प्रवेश द्वार ही वो जगह होती है जिस पर ग्राहक की सबसे पहली नजर पड़ती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान में प्रवेश द्वार के लिए पूर्व दिशा, उत्तर दिशा तथा ईशान कोण का चुनाव करना ठीक होता है। जबकि पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार कभी भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे व्यापार में परेशानी का सामना करना पड़ता है और आर्थिक स्थिति भी अधिक बेहतर नहीं हो पाती।
पूर्व और उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र के अनुसार ये दोनों ही दिशाएं दुकान का प्रवेश द्वार बनवाने के लिए अच्छी मानी जाती हैं। दिशाओं में पूर्व व उत्तर दिशा को शुभ दिशाएं माना जाता है. यदि आपकी दुकान पूर्व मुखी है, यानि की आपकी दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है तो यह आपके व्यवसाय के लिए बहुत ही अच्छा और लाभ देने वाला होता है। इसके अलावा यदि दुकान की उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार हो तो इससे आपकी दुकान के धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी और आपकी दुकान का और आपका नाम पूरे मार्केट में चमकेगा और आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
पश्चिम और दक्षिण दिशा में प्रवेश द्वार
प्रवेश द्वार के लिए इन दोनों में से किसी भी दिशा का चयन करना आपके और आपके बिजनेस के लिए अच्छा नहीं है। यदि आप पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार बनवाते हैं तो आपका बिजनेस हमेशा डामाडौल ही बना रहता है। कभी ठीक चलेगा तो कभी बिल्कुल खराब, कभी मंदी रहेगी तो कभी तेजी. इसके अलावा यदि आप दक्षिण दिशा का चुनाव करते हैं तो यह आपके बिजनेस के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। आपका बिजनेस बिल्कुल चींटी की तरह रेंग-रेंग कर आगे बढ़ेगा और आपको पैसों की तंगी बनी रहेगी।
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