धर्म डेस्क: आजकल शहरों में सिनेमाघर या मल्टीप्लैक्स दिखना आमबात है। सिनेमाघर वह जगह होती हैं, जहां पर बड़े पर्दे पर मूवी दिखायी जाती है। अगर आप भी सिनेमाघर या किसी मल्टीप्लैक्स का निर्माण करवाने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि सिनेमाघर के लिये भूखण्ड आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। जानिए वास्तु के अनुसार और किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
आयताकार- जिसकी दो आमने-सामने की भुजाएं एक समान हों और वर्गाकार- जिसकी चारों भुजाएं एक समान हों। भूखण्ड में यदि उत्तर-पूर्व का कोना थोड़ा बढ़ा हुआ भी हो तो ठीक है। सिनेमाहॉल के अन्दर सबसे इन्पोर्टेन्ट चीज़ होती है- पर्दा, जिस पर मूवी चलती है। पर्दा लगाने के लिये सिनेमाहॉल के अन्दर दक्षिण दिशा का चुनाव करना चाहिए, जबकि प्रोजेक्टर लगाने के लिये उत्तर दिशा का चुनाव करना ठीक होगा।
सिनेमाघर का प्रबंधन ऐसा हो
- आपको सिनेमाहॉल के प्रबन्धक के बैठने की दिशा के बारे में बताते हैं। हॉल के प्रबन्धक को अपने बैठने के लिये उत्तर दिशा में कमरा बनवाना चाहिए। जबकि बैठते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर करके बैठना चाहिए।
- वहीं अगर टिकट विंडो की बात करें, जहां पर टिकट मिलती है तो उसके लिये उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना ठीक होता है।
- कैश बॉक्स को उत्तर दिशा में अपने दायें हाथ की ओर रखें।
- अगर कैन्टिन की बात करें तो दक्षिण-पूर्व, यानी आग्नेय कोण का चुनाव करना चाहिए।
- पानी की व्यवस्था उत्तर दिशा में करनी चाहिए और शौचालय बनाने के लिये पश्चिम या दक्षिण दिशा का चुनाव करना चाहिए।
- बिजली से जुड़े संयंत्र जैसे जनरेटर आदि को आग्नेय कोण में रखने की व्यवस्था करनी चाहिए।
- सिनेमाघर में हैवी व्हीकल्स की पार्किंग के लिये दक्षिण दिशा को उपयोग में लाना चाहिए, जबकि साइकिल आदि के लिये उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव कर सकते हैं।
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