घर में सभी चीजों का सही जगह पर होना जरुरी होता है। ठीक उसी तरह घर में मंदिर किस स्थान और किस दिशा में बनाना चाहिए इस बारे में पता होना चाहिए। वास्तु के हिसाब से इस दिशा में मंदिर बनाना आपके लिए लाभदायक होता है। आज हम आपको बताएंगे कि वास्तु के मुताबिक मकान की किस दिशा में कौन सा कक्ष बनवाना उचित रहता है। शुरूआत करते हैं मंदिर से। किसी भी आवासीय भवन में भगवान की पूजा, उपासना के लिए एक विशेष स्थान जरूर होता है।
जिसे मंदिर कहते हैं लेकिन घर में मंदिर किसी भी दिशा में बनाना उचित नहीं माना जाता है। वास्तु के मुताबिक घर में मंदिर सदैव ईशान कोण में ही बनाना चाहिए। माना जाता है कि ईशान दिशा के स्वामी भगवान शिव हैं जो ज्ञान व विद्या के देव माने जाते हैं। दैनिक पूजा में जिन मंत्रों का जप किया जाता है उनके उपदेशक व आदि गुरू भी भगवान शिव को ही माना जाता है। लिाहाज़ा ईशान दिशा में मंदिर की स्थापना शुभ मानी जाती है।
इसके अलावा ईशान दिशा में मंदिर की स्थापना के पीछे एक कारण ये भी है कि प्रातः कालीन सूर्य की किरणें इसी दिशा में पड़ती हैं और सूर्य की किरणें इस दिशा को पवित्र, शुद्ध व स्वास्थ्यवर्धक बनाती है।
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