वास्तु के अनुसार घर का निर्माण करना घर में सुख-समृद्धि लेकर आता है। घर में लकड़ियां और दरवाजे बनवाने में किस तरह की लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए आज इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
भवन निर्माण में दरवाज़ों, खिड़कियों, अलमारियों व फर्नीचर बनवाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में वास्तु के मुताबिक कौन सी लकड़ी इनके लिए उत्तम मानी जाती है इसकी चर्चा आज हम करेंगे। वास्तुनुसार खिड़की, दरवाज़ों व फर्नीचर के निर्माण के लिए कायफल, रोहिणी, शाल व सागवान की लकड़ी को श्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा ताल, अर्जुन, शीशम, अशोक व महुआ की लकड़ी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कभी भी शमशान, सड़क व देव मंदिर की लकड़ी, दीमक लगी लकड़ी, आंधी-तूफान में गिरे वृक्षों की लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में अधिकतम तीन तरह के वृक्षों की लकड़ी का उपयोग ही किया जाना चाहिए। वास्तु से संवरेगी आपकी किस्मत! लकड़ी की जानकारी
फर्नीचर के लिए रोहिणी, सागवान की लकड़ी लाएं अर्जुन, शीशम, अशोक, महुआ की लकड़ी भी अच्छी है श्मशान, सड़क, देव मंदिर की लकड़ी ना लगाएं
दीमक लगी लकड़ी, गिरे पेड़ों की लकड़ी ना लगाएं घर में अधिकतम 3 तरह के वृक्षों की लकड़ी लगाएं।
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