आज हम वास्तु के अनुसार बनाए जाने वाले दरवाज़ों व खिड़कियों की जानकारी आपको देंगे। घर में जब भी दरवाज़े लगवाएं या बनवाएं इस बात का सदैव ध्यान रखें कि अपने से छोटे व बड़े दरवाज़े शुभ नहीं माने जाते। वास्तु के मुताबिक अपने माप से छोटे कपाट चोरी का डर व माप से बड़े कपाट राजभय व आधे-अधूरे दरवाज़े व्यसन दायक होते हैं।
वास्तुनुसार जहां तक संभव हो दरवाज़े दो पल्ले के हो तो श्रेष्ठ माने जाते हैं। अगर सभी दरवाज़े दो पल्ले के बनाने संभव ना हो तो मुख्य द्वार, पूजा घर और रसोईघर के दरवाज़े दो पल्ले के बनवाएं बाकी दरवाज़े सिंगल पल्ले के बनवाए जा सकते हैं। वहीं दरवाज़े या खिड़कियां अंदर की ओर खुले तो शुभ मानी जाती है।
भूल से भी ऐसे दरवाजे घर में न लगाए
दरवाजे टूटे फूटे और टेढे नहीं होना चाहिए।
दरवाजे के साथ खुला कुंआ नहीं होना चाहिए
एक साथ तीन दरवाजे नहीं होने चाहिए
दरवाजे के अंदर दरवाजा नहीं होना चाहिए।
बाहर निकलने का दरवाजा मकान के एकदम कोने होना चाहिए
विपरीत दिशा में दो दरवाजे नहीं बनाना चाहिए।
बाहर निकलने का दरवाजा के सामने सीढ़ी नहीं होना चाहिए।
बाहर निकलने का दरवाजा के सामने कोई गड्ढा या सीधा रास्ता नहीं होना चाहिए।
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