वास्तु शास्त्रमें आज हम बात करेंगे शयनकक्ष के बारे में। पति-पत्नी के बीच अक्सर छोटे-मोटे लड़ाई झगड़े होते रहते है। कभी बच्चों की वजह से, कभी बड़ों की वजह से तो कभी खुद की वजह से, लेकिन वास्तु शास्त्र में इनके अलावा शयनकक्ष की दिशा भी पति-पत्नी के बीच नोंक-झोक के लिये जिम्मेदार होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी का शयनकक्ष कभी भी आग्नेय कोण में नहीं होना चाहिए। इस कोण में कमरा होने से पति-पत्नी के बीच बिना वजह कलह होती रहती है। जिससे दोनों के बीच मनमुटाव रहता है। दोनों बस एक-दूसरे की बुराई व कमियां ढ़ूंढने में ही लगे रहते हैं। साथ ही इस कोण में श्यनकक्ष होने से फालतू का खर्च भी बढ़ता है क्योंकि आग्नेय कोण में सोने पर क्रोध अपनी चरम सीमा पर होता है, जो संबंध विच्छेद का कारण भी बनता है। फिर चाहें वह संबंध पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का हो या किसी ओर का।
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