सिंहस्थ कुंभ: नागा साधु क्यों नही पहनते है कपड़े, उनसे जुड़े कुछ अनजाने तथ्य
आपने नागा साधु को देखा होगा तो वह कभी कपड़े पहने नहीं देखा होगा। ऐसे ही कुछ और अनजान बातों के बारें में जानिए।,,,
naga shadhu
नागा साधु का शरीर तर के साथ-साथ ऐसा हो जाता है कि इनको किसी मौसम में कोई फर्क नहीं पड़ता है। ये लोग हमेशा ध्यान में लीन रहते है।
इसे संतों ने अपने अनुसार परंपरा को दिया। बाद में शंकराचार्य ने चार मठ स्थापित कर दसनामी संप्रदाय का गठन किया। इसके बाद से ही अखाड़ा की पंरपरा की शुरुआत हुई। पहला अखाड़ा आह्वान अखाड़ा सन् 547 ईं में बना।
संतों के तेरह अखाड़ों में सात संन्यासी अखाड़े ही नागा साधु बनाते हैं:- ये हैं जूना, महानिर्वणी, निरंजनी, अटल, अग्नि, आनंद और आवाहन अखाड़ा।
चार जगहों पर होने वाले कुंभ में नागा साधु बनने पर उन्हें अलग-अलग नाम दिए जाते हैं। इलाहाबाद के कुंभ में उपाधि पाने वाले को