Image Source : ptimakar sankranti
मकर संक्रांति का दिन और रात एक समान
मकर संक्रांति साल का एक ऐसा दिन होता है। जिस दिन और रात एक समान होने लगते है कहा जाता है, कि इस दिन से सूर्य अपनी परिक्रमा पूरी कर उत्तरायण यानि उत्तर से दक्षिण में प्रवेश करता है। साथ ही इस दिन से सर्दी कम होने लगती है इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है।
पर्व एक पर नाम अनेक
मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है। जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में भी मनाया जाता है। भारत सभ्यता और संस्कृति का देश है। हमारे देश में इसे अनेको नाम से पुकारा जाता है। इसे तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायन, पंजाब में मगी, असम में भोगली और उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से जाना जाता हैं।
पतंग उड़ाने की परंपरा क्यों है खास
मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। इस पंरपरा का सबका अपना-अपना दृष्टिकोण है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। इसके अनुसार खुले आसमान में पतंग उड़ाने से हमें सूर्य से विटामिन-डी मिलता है। जिसकी हमारे शरीर को काफी जरुरत होती है, साथ ही धूप में पतंग उड़ाने से सर्दी की हवाओं से भी बचा जा सकता है और शरीर को रोगों से बचाया जा सकता है। विटामिन-डी हमारी त्वचा और रीड की हड्डी के लिए बहुत जरुरी है।
अगली स्लाइड में पढ़े और दिलचस्प तथ्यों के बारें में
Latest Lifestyle News