धर्म डेस्क: भारत में कई मंदिर में आपने जाकर दर्शन किए होगे जहां पर हर मूर्ति सीधी मुद्रा में होती है, लेकिन एक ऐसी जगह है जहां पर भगवान हनुमान की मूर्ति उल्टी है। यह विश्व का एकमात्र मंदिर है, जिसमें रामभक्त हनुमान की प्रतिमा उल्टे स्वरूप में है और इसी उलटे स्वरूप में उनकी पूजा होती है। उल्टे हनुमान की यह प्रतिमा पाताल विजय हनुमान के नाम से विख्यात है। देशभर से लोग इनके दर्शन को यहां आते हैं।(..तो इस कारण कैकेयी ने मांगा था राम के लिए वनवास)
इंदौर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड स्थित सांवेर में यह मंदिर है। इस मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। उनके अनुसार वर्तमान में उनके परिवार की 12वीं पीढ़ी इस मंदिर में पूजा अर्चना कर रही है। मंदिर में ही उनके पूर्वजों की चरण पादुकाएं भी बनी हुई हैं। भगवान की प्रतिमा के साथ लोग इन चरण पादुकाओं की भी अर्चना करते हैं।(किस्मत वाले होते है जिनके शरीर में होते है इस 4 जगहों पर तिल)
युद्ध के दौरान पाताल गए थे हनुमान
इस उल्टे हनुमान मंदिर के साथ त्रेतायुग का एक दृष्टांत जुड़ा हुआ है। रामचरित मानस में इस बात का उल्लेख है कि भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण वानर का रूप धरकर रामजी की सेना में शामिल हो गया था। रात्रि में वह अपनी जादुई शक्ति से सबको मूर्छित कर श्री राम एवं लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक ले गया था।
तब विभीषण के कहने पर हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण की खोज में पाताल लोक गए थे और अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण को पाताललोक से लेकर आए थे।
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