धर्म डेस्क: आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और शुक्रवार का दिन है। श्रावण शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पूरे भारतवर्ष में गोस्वामी तुलसीदास जी की जंयती मनाई जाती है।
'सावन सुक्ला सप्तमी तुलसी घरयो सरोर'
तुलसीदास जी भगवान राम के चरित्र, उनकी मर्यादा से अत्यंत प्रभावित थे। इसीलिए अनेकों ग्रन्थों का अध्ययन करने के बाद उन्होंने संस्कृत मे रचित 'रामायण' को आमजन की भाषा में लिखने के बारे में सोचा और अवधी भाषा में 'श्रीरामचरितमानस' ग्रन्थ के माध्यम से श्री राम जी के चरित्र का वर्णन किया।
रामचरितमानस की चौपाईयों का पाठ करके किसी भी परेशानी का हल निकाला जा सकता है। उसमें हर परिस्थिति का भली-भांति वर्णन किया गया है। अतः आज के दिन समय निकालकर गोस्वामी तुलसीदास जी की कुछ चौपाईयों का पाठ जरूर करना चाहिए। (पूर्व मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ये अनमोल विचार हर किसी को पढ़नें चाहिए )
करें तुलसीदास की इन चौपाईयों का पाठ
संकट दूर करने के लिए
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
कलह दूर करने के लिए
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू।
महामोह निसि दलन दिनेसू।।
धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं।।
नौकरी प्राप्ति के लिए
बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत अस होई।।
मुकदमे में विजय के लिए
पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि विवके बिग्यान निधाना।।
शत्रु नाश के लिए
'बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।'
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