धर्म डेस्क: प्रदोष व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष तिथि है। इस तिथि में व्रत व पूजन का विशेष महत्व होता है और ऐसी माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस तिथि में पूजन करता है। उसको मां पार्वती व भगवान शंकर की कृपा मिलती है।
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इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पडने के कारण शिव और माता पार्वती के साथ ही शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होगी। प्रदोष व्रत त्रयोदशी क दिन रखा जाता है। ज्योतिषों के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत पुण्यकारी है।
शनि प्रदोष में खास तौर पर भगवान को तिल का भोग अर्पित करना चाहिए साथ ही गरीबों को भी भोग खिलाना चाहिए। काले छाते व जूते का दान करना चाहिए। इससे राशि में चंद्र देव से होने वाले सभी दोषों से शनि की कृपा से मुक्ति मिलती है।
पुराणों के अनुसार माना जात है कि इस अवधि के बीच भगवान शिव कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए इसकी पूजा विधि, कथा और महत्व के बारें में।
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