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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र जून माह का पहला शुक्रवार, इन राशियों के लिए होगा खास

जून माह का पहला शुक्रवार, इन राशियों के लिए होगा खास

आज सुबह 6 बजकर 20 मिनट से शाम 6 बजकर 17 मिनट तक भूलोक की अशुभ भद्रा रहेगी। आज धूमावती जयंती है। दस महाविद्याओं में धूमावती का महत्वपूर्ण स्थान है, धूमावती को स्तम्भन की देवी कहा जाता है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका दिन...

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धर्म डेस्क: आज सुबह 6 बजकर 20 मिनट से शाम 6 बजकर 17 मिनट तक भूलोक की अशुभ भद्रा रहेगी। आज धूमावती जयंती है। दस महाविद्याओं में धूमावती का महत्वपूर्ण स्थान है, धूमावती को स्तम्भन की देवी कहा जाता है। इनका मंत्र है- "धूं धूं धूमावती ठः ठः स्वाहा" धूमावती का यह प्रचंड मंत्र उमड़ते हुए समुद्र को रोकने और वेगवति आंधियों की दिशा बदलने में समर्थ है। माता धूमावती का स्वरूप वृद्ध है, वे विधवा वेश धारिणी है और कौआ उनका वाहन है। (चाहते है अच्छी नौकरी, तो आज रात या शाम को करें ये काम)

स्तम्भन की इस अभूतपूर्व देवी की साधना करने का साहस अच्छे-अच्छे तांत्रिक नहीं कर पाते। विश्वप्रसिद्ध पीताम्बरा पीठ दतिया में है। वहां के महाराज ने बड़े चाव से धूमावती का मंदिर बनवाया था। कहते है कि मंदिर की स्थापना, प्रतिष्ठा के एक वर्ष बाद ठीक उसी दिन महाराज जी का भूलोक वास हो गया। वहां के मंदिर हफ्ते में केवल एक दिन खोला जाता है और बिरले ही कोई उधर फटकता हो।

आज के दिन श्री बटुक भैरव की जयंती है। भैरव के तीन रूप हैं- बटुक भैरव, स्वर्णाकर्षण भैरव और काल भैरव। बटुक भैरव का स्वरूप 7-8 साल के बालक जैसे हैं, इनके एक हाथ में ब्रह्मा का कटा हुआ सिर और दूसरे हाथ में डमरू सहित त्रिशूल दिखाया जाता है। बटुकनाथ बड़े ही भोले हैं और इनकी साधना बड़ी ही फलदायी होती है। रूद्र यामल तंत्र के अनुसार बटुक भैरव का मंत्र है- आं ह्रीं क्रां बम् बटुकाय आपद्उद्धाणाय कुरु कुरु बटुकाय बम् क्रां ह्रीं आं स्वाहा(भूलकर भी पूजा के दौरान न करें ये गलतियां, हो जाएगें गरीब)

आज के दिन इस मंत्र का जप करने, मनन करने और सुनने से भैरव नाथ सब आनंद कर देते हैं। आज कश्मीर में क्षीर भवानी का मेला लगेगा। कश्मीरी साधकों की शक्ति साधना में क्षीर भवानी का अद्भुत स्थान है। इन क्षीर भवानी का हूबहू रेप्लिका लखनऊ चौक की छोटी काली झील मंदिर वाली गली में आगे चलकर बाएं हाथ पर है। कहते हैं इस मंदिर की स्थापना लखनऊ चौपटियों के संदोहन जी मंदिर के पीछे स्थित मिर्ज़ा जुम्मा बाग के दक्षिणी साइड में बसे कश्मीरी मोहल्ले के राजा गुरू या सद्गुरू बाबा के पुरखों ने कराया था। सर्वथा उपेक्षित इस मंदिर की मूर्ति की आभा देखते ही बनती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि में शुक्ला देवी का आह्वान किया जाता है।

राशि के लोग विशेष काम कर सकते हैं, किसे आज लापरवाही नहीं करनी चाहिए, किन राशि वालों के लिए आज का दिन काफी रोमांटिक है और वो अपने लव मेट के साथ अच्छा वक्त बिता सकते हैं और किस राशि के लोग जो बिजनेस के क्षेत्र से जुड़े हैं उनका फायदा होगा या नहीं यह सब जानने के लिए सुनिए इंडिया टीवी का खास प्रोग्राम भविष्यवाणी।

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