साल में सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है इस मंदिर का कपाट, लगतों है भक्तों का तांता
इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार खोलता है वो भी सिर्फ 5 घंटे के लिए। यह मंदिर 10 अप्रैल को खुलेगा।
धर्म डेस्क: देवी-देवता के मंदिर भारत के कोने-कोने पर स्थित है। हर मंदिर का अपना कोई न कोई रहस्य होता है। जिसके कारण वह विश्व प्रसिद्ध होते है। कोई अपने कामों के कारण भी हो सकता है। आज हम आपको ऐसे मंदिक के बारें में बता रहे है जो अपने आप पर ही अनोखा है। जिसके कारण ये विश्व प्रसिद्ध है।
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इस मंदिर की खाशियत ये है कि इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार खोलता है वो भी सिर्फ 5 घंटे के लिए। चौक गए न कि ऐसा कैसे हो सकता है कि साल में सिर्फ एक बार मंदिर पांच घंटे के लिए खुलता है, लेकिन इसके पीछे एक बात जानकर आप हैरान रह जाएगे। कि इस 5 घंटे में सैकड़ों बकरों की बलि दे दी जाती है। इस बार इस मंदिर के कपाट 10 अप्रैल को खुलेगे।
यह मंदिर है छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में। इस मंदिर का नाम हैं निरई माता मंदिर। इसी मंदिर में सैकड़ो बकरों की बलि दी जाती है। बलि देने के पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से मां प्रसन्न होती है। और उनके ऊपर कृपा बरसाती है। साथ ही हर मनोकामना पूर्ण करती है।
जिन लोगों की मन्नत पूर्ण हो जाती है। वह मां को भेंट के रुप में बकरे की बलि देते है। जिसके कारण यहां पर भक्तों बारी मात्रा में पहुंचतें है। यह प्रथा सैकडों साल से चली आ रही है। जिसका आज भी पालन किया जा रहा है।
यहां पर कोई भी महिला प्रवेश नहीं कर सकती है। सिर्फ पुरुषों को ही पूजा-पाठ करने की अनुमति है। साथ ही यहां से मिले प्रसाद को भी महिलाएं नहीं खा सकती है। अगर किसी से खा भी लिया तो उनका कुछ न कुछ बुरा हो जाता है।
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