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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र शिवलिंग में कभी भी न चढाएं ये 5 चीजें, जानिए क्यों?

शिवलिंग में कभी भी न चढाएं ये 5 चीजें, जानिए क्यों?

हिंदू धर्म और परंपरा के अनुसार शिवलिंग कभी ऐसी जगह नहीं रखा जाता जहां उसकी उसकी रीति-रिवाज के अनुसार पूजा ना हो सके क्योंकि इससे शिव जी नाराज़ हो सकते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव बहुत ही मासूम और रहमदिल हैं जो आसानी से लोगों की मन्नत पूरी कर देते

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केतकी
केतकी के फूल एक बार ब्रह्माजी व विष्णुजी में विवाद छिड़ गया कि दोनों में श्रेष्ठ कौन है। ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता होने के कारण श्रेष्ठ होने का दावा कर रहे थे और भगवान विष्णु पूरी सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में स्वयं को श्रेष्ठ कह रहे थे। तभी वहां एक विराट लिंग प्रकट हुआ। दोनों देवताओं ने सहमति से यह निश्चय किया गया कि जो इस लिंग के छोर का पहले पता लगाएगा उसे ही श्रेष्ठ माना जाएगा। अत: दोनों विपरीत दिशा में शिवलिंग की छोर ढूढंने निकले।

छोर न मिलने के कारण विष्णुजी लौट आए। ब्रह्मा जी भी सफल नहीं हुए परंतु उन्होंने आकर विष्णुजी से कहा कि वे छोर तक पहुँच गए थे। उन्होंने केतकी के फूल को इस बात का साक्षी बताया। ब्रह्मा जी के असत्य कहने पर स्वयं शिव वहाँ प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्माजी की एक सिर काट दिया और केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिव जी की पूजा में कभी भी केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं होगा।

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