नवरात्रि के पहले दिन मुंबई के बड़े मंदिरों के पट खुले, श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
आज नवरात्री का पहला दिन है और आज सभी देवी मंदिर खुलने से भक्तों में भी काफी उत्साह और श्रद्धा है।
मुंबई में आज करीब 180 दिन बाद दोबारा सभी मंदिर और धार्मिक स्थल कोरोंना प्रोटोकॉल के साथ खुल गए है। आज नवरात्री का पहला दिन है और आज सभी देवी मंदिर खुलने से भक्तों में भी काफी उत्साह और श्रद्धा है। मुंबई में देवी मां के तीन प्रमुख मंदिर है, पहला मुम्बादेवी, दूसरा महालक्ष्मी और तीसरा महाकाली इन तीनो देवी के मंदिरों में चैत्र और शारदेय नवरात्र में भक्तों की हर साल भारी भीड़ रहती है।
साल 2021 के चैत्र नवरात्र में भी मंदिर नहीं खुल पाए थे, लेकिन शारदेय नवरात्र के प्रथम दिन मंदिर खुलने से आज भक्तों में काफी खुशी का माहौल है। अन्धेरी के महाकाली मंदिर में कोरोंना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चेहरे पर मास्क लगाकर और सोशल डिस्टनसिंग का पालन कर महिलाएं और बच्चे मां काली की आरती करते नजर, प्रसाद लेते नजर आए।
मुंबई शहर का नाम जिस मुंबा देवी मंदिर पर रखा गया है उस मंदिर को भी आज श्रद्धालूओं के लिए खोल दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ आज मुंबा मंदिर में माता के दर्शन किए। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए श्रद्धालूओं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।
मंदिर में दर्शन के दौरान संक्रमण ना फैले इसलिए लागू किए गए कोरोना गाइडलाइन्स की जानकारी देते हुए।
खुले सिद्धिविनायक मंदिर के द्वार
कोरोना की दूसरी लहर के चलते लगभग 6 महीने मंदिर के द्वार आम भक्तों के लिए बंद रहने के बाद आज नवरात्रि के पहले दिन मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में सभी मंदिर के दरवाजे भक्तों के एक बार फिर खुल गए। मंदिर खोले जाने को लेकर लंबे समय से भक्तों की मांग थी जो आज पूरी हो गयी।
मुंबई में सभी मंदिरों की अपनी अहमियत है लेकिन सिद्धिविनायक मंदिर इन सभी मे बेहद अहम है। आम दिनों में इस मंदिर में हज़ारों भक्तों की भीड़ हर समय रहती थी, लेकिन कोरोना के बाद एसओपी काफी सख्त कर दिए गए है। मंदिर के दरवाजे वापस खुलने से भक्त बेहद खुश हैं।
वहीं इस मंदिर की सीईओ नंदा राउत ने बताया कि मंदिर में सोशल डिस्टनसिंग और लोगो की भीड़ पर नियंत्रण के लिए सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के ज़रिए ही दर्शन की सुविधा दी है. सुबह 7 से शाम 7 बजे तक मंदिर खुला रहेगा और हर घंटे सिर्फ 250 भक्त ही बप्पा के दर्शन कर सकेंगे जबकि दिनभर में 3000 से 4000 भक्तों के प्रसाद से लेकर फूल-माला मंदिर में चढ़ाने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
(इनपुट- जयप्रकाश)