Hindi Newsलाइफस्टाइलजीवन मंत्रबुद्धि और कुटिलता की अविश्वसनीय मिसाल हैं ये सबसे बड़े शिक्षक, साधारण से बालक को भी बना दिया था मगध का सम्राट
बुद्धि और कुटिलता की अविश्वसनीय मिसाल हैं ये सबसे बड़े शिक्षक, साधारण से बालक को भी बना दिया था मगध का सम्राट
जब भी गुरुओं की बात आती हैं तो आचार्य चाणक्य का नाम सबसे पहले आता है। आचार्य चाणक्य को अपना गुरु मानकर और उनकी दिशा पर चलकर चंद्रगुप्त भारत के एक महान सम्राट बन गए। टीचर्स डे पर जानिए आचार्य चाणक्य से जुड़ी दिलचस्प बातें।
जब भी गुरुओं की बात आती हैं तो आचार्य चाणक्य का नाम सबसे पहले आता है। चाणक्य बुद्धि के धनी थे और महान राजनीतिज्ञ, कुटनीतिज्ञ के अलावा महान शिक्षक भी थे। चाणक्य की नीतियां कितनी बलवान और कारगर थीं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि इन्होंने साधारण से बालक को मगध का चक्रवर्ती स्रमाट बना दिया था। नंदवंश के विनाश के बाद चंद्रगुप्त मौर्य मगथ की गद्दी पर बैठे। चाणक्य ने अपने शिष्य चंद्रगुप्त को लेकर जैसी कल्पना की थी वह उनकी कल्पना पर बिल्कुल खरे उतरे। आचार्य चाणक्य को अपना गुरु मानकर और उनकी दिशा पर चलकर चंद्रगुप्त भारत के एक महान सम्राट बन गए। टीचर्स डे पर जानिए आचार्य चाणक्य से जुड़ी दिलचस्प बातें।
चाणक्य ने अपना नाम रखा विष्णु गुप्त चाणक्य के पिता चणक ने उनका नाम कौटिल्य रखा था। चाणक्य के पिता चणक की मगध के राजा द्वारा राजद्रोह के अपराध में हत्या कर देने के बाद चाणक्य ने राज सैनिकों से बचने के लिए अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया था। विष्णुगु्प्त नाम से ही उन्होंने तक्षशिला के विद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी की।
अर्थशास्त्र ग्रंथ लिखा 'कौटिल्य' नाम से भी विख्यात चाणक्य 'अर्थशास्त्र' नाम का महान ग्रंथ लिखा है। आचार्य चाणक्य द्वारा रचित 'अर्थशास्त्र' एवं 'नीतिशास्त्र' नामक ग्रंथों की गणना विश्व की महान कृतियों में की जाती है। चाणक्य नीति में वर्णित सूत्र का इस्तेमाल आज भी राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में किया जाता है।
इसलिए नीतियां और सिद्धांत आज भी प्रसांगिक हैं आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धि और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्यात हुए। इतनी सदियां गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियां प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन से जो कुछ भी हासिल किया उसे मानवीय कल्याण के लिए लोगों से बांटा।