भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि व बुधवार का दिन है। भाद्रपद शुक्ल षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत किया जाता है जिसे लोलार्क षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मंगलवार से आने वाले 16 दिनों तक काशी के लोलार्क कुण्ड में स्नान का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस कुंड में स्नान से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है। सूर्य षष्ठी के दिन संतान की लंबी आयु, उनकी खुशहाली के लिए सूर्यदेव के निमित्त व्रत किया जाता है, उनकी पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार बुधवार के दिन सूर्य देव की आराधना से आरोग्य व धन- संपत्ति की प्राप्ति भी होती है और परिवार पर किसी तरह के कष्ट नहीं आते। आज के दिन
किसी नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए।
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अगर आप किसी कारणवश नदी या तालाब में स्नान न कर पायें, तो टेंशन लेने की जरूरत नही, आप घर पर ही स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद चावल, तिल, दूर्वा, चंदन युक्त जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दीजिये व प्रणाम कीजिए। वहीं आपको किसी सूर्य मंदिर में या फिर घर पर ही सूर्यदेव के निमित्त शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए और कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से भगवान सूर्य का पूजन करना चाहिए। पूजा के बाद ऊँ घृणिः सूर्याय नमः इस मंत्र का यथाशक्ति आप जप करें और मंत्र जप के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।
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