सूर्य को गोचर, इन 5 राशियों को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना
14 मार्च को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं और 13 अप्रैल की देर रात 2 बजकर 33 मिनट तक मीन राशि में ही गोचर करते रहेंगे। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपकी राशि पर असर।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 14 मार्च को सूर्य की मीन संक्रांति थी यानि सूर्यदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं। बता दें कि 14 मार्च को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं और 13 अप्रैल की देर रात 2 बजकर 33 मिनट तक मीन राशि में ही गोचर करते रहेगे। सूर्यदेव के मीन संक्रांति के साथ ही मीन खरमास भी प्रारम्भ हो जाता है। बता दें जब-जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन मे प्रवेश करते हैं तो खरमास आरंभ होते हैं। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपकी राशि पर असर।
माना जाता है कि सूर्यदेव अपने सात अश्वों यानि घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्माण्ड का भ्रमण करते है जिससे दुनियां गतिमान रहती है। कहते है कि भ्रमण करते हुये घोड़ो को प्यास लगाती है और सूर्यदेव अपने घोड़ों को पानी पिलाने के लिए एक सरोवर पर रुकते है, लेकिन उन्हें ध्यान आता है कि उनके रुक जाने से सृष्टि अस्त-व्यस्त हो जाएगी तभी उन्हें सरोपर पर दो खर यानि गधे दिखाई देते है और सूर्यदेव अपने घोड़ों को आराम देकर गधों को रथ में हाक लेते है, जिससे सूर्य की गति धीमी हो गयी। इसी कारण इस समय को खरमास कहा गया। इस दौरान सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा शुभ रहता है। खरमास के दौरान मांगलिक कार्य, विवाह और यज्ञोपवित जैसे शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता हैं। लेकिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए यह समय सर्वश्रेष्ठ होता है। इस समय में गरीबों को अन्न दान और वस्त्र दान करना चाहिए। इससे अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। साथ ही यह भी बता दें कि सूर्य की संक्रांति के दौरान पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है और आज सूर्य की संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 11 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। सूर्य की किसी भी संक्रांति में पुण्यकाल के दौरान गोदावरी या अन्य पवित्र नदियों में स्नान-दान का महत्व होता है।
सूर्यदेव आपके जन्मपत्रिका के किस स्थान पर गोचर करेंगे और इस गोचर का शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
मेष राशि
सूर्यदेव ने आपके बारहवें स्थान में गोचर कर रहे है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध शैय्या सुख और व्यय से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपके जीवन में शैय्या सुख बना रहेगा, लेकिन इस दौरान आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। लिहाजा शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 13 अप्रैल ता सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खोलकर रखने चाहिए।
वृष राशि
सूर्यदेव ने आपके ग्यारहवें स्थान में गोचर कर रहे है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आमदनी और कामना पूर्ति से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। जल्द ही आपकी कोई खास इच्छा भी पूरी हो सकती है। इस शुभ स्थिति का लाभ पाने के लिये रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 5 मूली रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
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मिथुन राशि
सूर्यदेव ने आपके दसवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके करियर और पिता से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको करियर में नई कामयाबी मिलेगी। साथ ही आपके पिता की बेहतरी सुनिश्चित होगी। सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये अपने सिर पर व्हाइट या ऑफ व्हाइट कलर की टोपी या पगड़ी पहनकर रखें।
कर्क राशि
सूर्यदेव ने आपके नवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके भाग्य से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको किस्मत का साथ पाने में कुछ परेशानी हो सकती है। लिहाजा सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये साथ ही धर्म-कर्म के कामों में अपना सहयोग देते रहें।
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सिंह राशि
सूर्यदेव ने आपके आठवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके स्वास्थ्य से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। सूर्यदेव के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें।
कन्या राशि
सूर्यदेव ने आपके सातवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध सीधे तौर पर जीवनसाथी से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे रहेंगे। आपको अपने हर कार्य में जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी का साथ बनाये रखने के लिये भोजन करते समय अपने भोजन में से एक रोटी निकालकर अपने किसी सहयोगी को या अपने आस-पास मौजूद किसी व्यक्ति को खाने के लिये दें।
तुला राशि
सूर्यदेव ने आपके छठे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध मित्रों और शत्रुओं से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपका कोई दोस्त आपसे नाराज हो सकता है। साथ ही अपने विरोधियों के प्रति भी सावधान रहें। दोस्तों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखने के लिये और शत्रुओं से बचाव के लिये मन्दिर में गुड़ का दान करें।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव ने आपके पांचवें स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध विद्या, गुरु, विवेक, रोमांस और संतान से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से विद्या के क्षेत्र में आपकी बढ़ोतरी होगी। साथ ही आपको संतान सुख मिलेगा। वो आपकी हर संभव कार्य में मदद करेंगे। सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये पक्षियों को दाना खिलाएं।
धनु राशि
सूर्यदेव ने आपके चौथे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध भूमि, भवन, वाहन और माता से है। इस दौरान आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ भी मिलेगा। सूर्यदेव के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये किसी जरूरतमंद को भोजन खिलाएं।
मकर राशि
सूर्यदेव ने आपके तीसरे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके भाई-बहनों और आपकी अभिव्यक्ति से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से भाई-बहनों के साथ आपके संबंधों में कुछ खटास आ सकती है। आपके साथ कभी-कभी ऐसी स्थिति बन सकती है कि आप कहना कुछचाहते हैं, लेकिन दूसरा कुछ और ही समझ बैठता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिये चींटियों को आटा डाले।
कुंभ राशि
सूर्यदेव ने आपके दूसरे स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध सीधे-सीधे आपकी आर्थिक स्थिति और धन से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आपको धन लाभ होगा। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सूर्यदेव की कृपा पाने के लिये मन्दिर में नारियल तेल की शीशी दान करें।
मीन राशि
सूर्यदेव ने आपके पहले स्थान, यानी लग्न स्थान में गोचर किया है। जन्मपत्रिका में इस स्थान का संबंध आपके शरीर, प्रेम-संबंध, यश-सम्मान और योग्यता से है। सूर्यदेव के इस गोचर के प्रभाव से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। प्रेम-संबंधों में आपको सफलता मिलेगी। सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।