Surya Grahan 2019: 5 जनवरी की शाम से लग रहा है सूर्य ग्रहण का सूतक, भूलकर भी न करें ये काम
Surya Grahan 2019: 5 जनवरी की शाम 05 बजकर 04 मिनट पर इस ग्रहण का सूतक लग जायेगा और किसी भी ग्रहण के सूतक के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। अतः सूतक के दौरान आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Surya Grahan 2019: ये सूर्यग्रहण खण्डग्रास सूर्यग्रहण है। दरअसल जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण रूप से न ढक्कर आंशिक रूप से ढकता है, तब खण्डग्रास सूर्यग्रहण होता है। इस बार ग्रहण के समय चंद्रमा धनु राशि और मूल नक्षत्र में रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार यह ग्रहण उत्तर-पूर्वी चीन, जापान और पूर्वी रूस तथा प्रशान्त महासागर में दिखाई देगा, जबकि भारत में यह ग्रहण अदृश्य रहेगा।
सूर्य ग्रहण का समय
भारतीय समय के अनुसार इस ग्रहण का स्पर्शकाल कल सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर होगा। इसका मध्य काल सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक होगा, जबकि इसका मोक्ष काल सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर होगा। अतः इस ग्रहण का कुल पर्वकाल 04 घंटे 14 मिनट का रहेगा। भले ही यह ग्रहण कल सुबह लगेगा, लेकिन इसका असर आज शाम से ही शुरू हो जायेगा।
आज शाम 05 बजकर 04 मिनट पर इस ग्रहण का सूतक लग जायेगा और किसी भी ग्रहण के सूतक के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। अतः सूतक के दौरान आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस बारें में जानें आचार्य इंदु प्रकाश सें।
सूर्य ग्रहण 2019 के समय कौन से काम करें और कौन से नहीं
- ग्रहण के सूतक के दौरान घर में पानी के बर्तनों में, दूध में और दही में कुश या दूब धोकर डालनी चाहिए।
- सूतक शुरू होने से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक रसोई से संबंधित कोई कार्य भी नहीं करना चाहिए, खासकर खाना नहीं बनाना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काटने, छीलने या छौंकने, बघारने का काम नहीं करना चाहिए। साथ ही सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिये।
- ग्रहण शुरू होने से पहले थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख लेना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद उस कपड़े और अनाज को बड़े ही आदर के साथ किसी सफाई कर्मचारी को दान कर देना चाहिए। इससे व्यक्ति को ग्रहण के शुभ फल प्राप्त होंगे।
- ग्रहण के समय मन्दिर में पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि दीपक भी नहीं जलाना चाहिए। इसके बजाय मन ही मन भगवान का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का तेज आवाज में उच्चारण करना चाहिए। सूर्यदेव का मंत्र इस प्रकार हैं- ‘ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:। इसके अलावा सूर्यदेव का एक अन्य विशेष मंत्र भी है- ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः। इस प्रकार तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करने से ग्रहण के दौरान फैली निगेटिविटी का व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता है।
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