सूर्य कर रहा है अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश, इन नाम के लोगों को होगी धनहानि
र्यदेव के अनुराधा नक्षत्र में इस प्रवेश से अलग-अलग नामाक्षर और नक्षत्र वालों पर अलग-अलग प्रभाव होंगे।
बुधवार की सुबह 08 बजकर 12 मिनट पर सूर्यदेव अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 03 दिसम्बर की दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक यही पर रहेंगे | सूर्यदेव के अनुराधा नक्षत्र में इस प्रवेश से अलग-अलग नामाक्षर और नक्षत्र वालों पर अलग-अलग प्रभाव होंगे। तो इस दौरान विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों को कौन-से फल प्राप्त होंगे, शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये उन्हें कौन-से उपाय करने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।
चित्रा, स्वाति, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म चित्रा, स्वाति, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम र,त प,न, अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 03 दिसम्बर तक हर प्रकार से लाभ मिलेगा। आपकी तरक्की होगी। अतः लाभ सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में गुड़ का दान करें।
रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम द, च, ल अक्षर से शुरू होता है। उन लोगों को अग्नि से संबंधित चीज़ों जैसे बिजली, गैस - चूल्हा आदि के साथ बड़ी हीसावधानी पूर्वक काम लेना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो उसे 03 दिसम्बर तक टालना ही अच्छा होगा। सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये 03 दिसम्बर तक सुबह के समय घर का बरामदा और खिड़कियां खुली रखें, ताकि सूर्य की उचित रोशनी घर के अंदर आ सके।
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कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र में जन्में लोग
जिनका जन्म कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम अ, ई,व,क, उ, ए,घ,ङ, छ अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों के जीवन की गति 03 दिसम्बर तक कुछ थम-सी जायेगी। आपको कुछ बोरियत हो सकती है, जिसकी वजह से आपके कामों में देरी हो सकती है। अपने कामों की गति को बनाये रखने के लिये रात को सोते समय अपने सिरहाने के पास 5 बादाम भिगोकर पानी में रख दें और अगले दिन उन बादाम को किसी धर्मस्थल या मन्दिर में दान कर दें, जबकि बचे हुए पानी को किसी पौधे या पेड़ की जड़ में डाल दें।
पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा और मघा नक्ष में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा और मघा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम म, ह, क, ड अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों के कामों में स्थिरता आयेगी। अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने के लिये 03 दिसम्बर तक हो सके तो पीतल के बर्तन में भोजन करें और अगर घर में पीतल के बर्तन उपलब्ध नहीं हैं तो इस दौरान बाजार से कोई भी एक पीतल का बर्तन खरीदकर घर जरूर लाएं।
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पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम प, म, ट, ष, ण, ठ, अक्षर से शुरू होता है | उनके ऊपर लक्ष्मी मां की अपार कृपा रहेगी, जिसके फलस्वरूप आपको धन की प्राप्ति होगी। तो शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये 03 दिसम्बर तक भोजन करते समय अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर अपने किसी सहयोगी या दोस्त को खिलाएं।
ज्येष्ठा, मूल और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म ज्येष्ठा, मूल और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम न, य, भ, ध, फ, ढ अक्षर से शुरू होता है, उनके घर के मुखिया को इस दौरान
कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। 03 दिसम्बर तक परेशानियों से बचने के लिये जरूरतमंदों को अपने सामर्थ्य अनुसार निःशुल्क भोजन कराएं।
उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम स, ग, ज, ख और भ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें 03 दिसम्बर तक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आपको पैसों की कुछ कमी हो सकती है। अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें और सूर्य से संबंधित चीज़ों जैसे गुड़, बाजरा आदि का दान करें।
पूर्वाभाद्रपद और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्में लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाभाद्रपद और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम द, च, स, थ,ञ और झ अक्षर से शुरू होता हो, उन्हें इस दौरान रोग, पीड़ा व भय हो सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिये किसी धर्मस्थल या मन्दिर में नारियल का दान करें।