सूर्य कर रहा है अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश, इस नाम के लोगों को करना पड़ सकता है धनहानि का सामना
आज दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर सूर्यदेव अनुराधा नक्षत्र में जायेंगे और 2 दिसंबर शाम 6 बजकर 34 मिनट तक यहीं रहेंगे। तो किस नक्षत्र के लोगों को सूर्यदेव के इस गमन से क्या फल मिलेगा।
आज दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर सूर्यदेव अनुराधा नक्षत्र में जायेंगे और 2 दिसंबर शाम 6 बजकर 34 मिनट तक यहीं रहेंगे। अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। हालांकि शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं, लेकिन इन दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहता है। दोनों एक-दूसरे के शत्रु हैं। तो किस नक्षत्र के लोगों को सूर्यदेव के इस गमन से क्या फल मिलेगा और सूर्यदेव व शनिदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और मूल नक्षत्र में जन्मे लोग
जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और मूल नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को अग्नि से संबंधित चीज़ों के साथ बड़ी ही सावधानी पूर्वक काम लेना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान नया घर बनाने की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो उसे 2 दिसंबर तक टालना ही अच्छा होगा। सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये रोटी पर गुड़ रखकर किसी गरीब को खिलाएं। साथ ही शनि की दृष्टि से बचने के लिये बरगद के पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाकर, उस गीली मिट्टी से तिलक लगाएं।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्रों में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्रों में हुआ हो उन लोगों के जीवन की गति इस दौरान कुछ थम सी जायेगी। अपने कामों की गति को बनाए रखने के लिये इस दौरान सोना पहनकर रखें। साथ ही शनि की दृष्टि आपके ऊपर न पड़े, इसके लिये शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
शतविखा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र में जन्मे लोग
अब बात उनकी जिन लोगों का जन्म शतविखा नक्षत्र में हुआ हो, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो और रेवती नक्षत्र में हुआ हो उनके कामों में स्थिरता आयेगी। अच्छी स्थिति सुनिश्चित बनाए रखने के लिये किसी धर्मस्थल पर बादाम दान दें और शनि की दृष्टि से दूरी बनाए रखने के लिये काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
अश्विनी नक्षत्र, भरणी नक्षत्र और कृतिका में जन्मे लोग
जिनका जन्म अश्विनी नक्षत्र, भरणी नक्षत्र और कृतिका नक्षत्रों में हुआ हो उन लोगों की किस्मत के दरवाजे खुल जायेंगे और आपके ऊपर धन की वर्षा होगी। इस शुभ स्थिति को बनाए रखने के लिये दूसरों के साथ अपना व्यवहार अच्छा रखें और शनि की दृष्टि से बचने के लिये रात के समय दूध न पीएं।
रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र और पुनर्वसु नक्षत्रों में हुआ हो उन लोगों को भी 2 दिसंबर तक अपने कामों में लाभ मिलेगा। लाभ सुनिश्चित करने के लिये पक्षियों को दाना डालें। साथ ही शनि की नजरों से अपने आपको बचाए रखने के लिये अपने भार के दसवें हिस्से के बराबर बादाम को किसी धर्मस्थल पर ले जायें और फिर उसमें से आधे बादाम घर पर लाकर रख लें। लेकिन ध्यान रहे उन बादामों को खाना नहीं है।
पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र या मघा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों के जन्म के समय पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र या मघा नक्षत्र रहा हो, उनके घर के मुखिया को इस दौरान कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। परेशानियों से बचने के लिये रात के समय अपने सिरहाने के पास पानी रखकर सोएं और साथ ही शनि की दृष्टि से बचने के लिये एक नारियल या 8 बादाम बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र में हुआ हो उन्हें इस दौरान आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आपको पैसों की कुछ कमी हो सकती है। अपनी इस स्थिति से बचने के लिये इस दौरान जो भी काम शुरू करें, मीठा खाकर पानी पीने के बाद ही करें। साथ ही शनि की दृष्टि से बचने के लिये अपने घर की दहलीज साफ कर नित्य पूजा करें।
स्वाती नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोग
जिन लोगों का जन्म स्वाती नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और अनुराधा नक्षत्र में हुआ हो उन्हें रोग, पीड़ा व भय हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिये गाय की सेवा करें। साथ ही शनि की नजरों से बचने के लिये चांदी धारण करें।