धर्म डेस्क: 31 मार्च शनिवार, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जंयती के साथ-साथ शाम के समय यानी कि 06:52 पर सूर्यदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल को सुबह 08:14 तक वहीं पर रहेंगे। सूर्यदेव के रेवती नक्षत्र में इस प्रवेश से अलग-अलग नामाक्षर और नक्षत्र वालों पर अलग-अलग प्रभाव होंगे। तो इस दौरान विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों को कौन-से फल प्राप्त होंगे, शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये उन्हें कौन-से उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका दिन।
- जिन लोगों का जन्म रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम 'द' अक्षर, 'च' अक्षर से और 'ल' अक्षर से शुरू होता है। उन लोगों को अग्नि से संबंधित चीज़ों जैसे बिजली, गैस - चूल्हा आदि के साथ बड़ी ही सावधानी पूर्वक काम लेना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो उसे 14 अप्रैल तक टालना ही अच्छा होगा। सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिये 14 अप्रैल तक सुबह के समय घर का बरामदा और खिड़कियां खुली रखें, ताकि सूर्य की उचित रोशनी घर के अंदर आ सके।
- जिनका जन्म कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम 'अ', 'ई', 'व', 'क', 'उ', 'ए', 'घ' अक्षर से, 'ङ' और 'छ' अक्षर से शुरू होता हो। उन लोगों के जीवन की गति 14 अप्रैल तक कुछ थम-सी जायेगी। आपको कुछ बोरियत हो सकती है, जिसकी वजह से आपके कामों में देरी हो सकती है। अपने कामों की गति को बनाये रखने के लिए- रात को सोते समय अपने सिरहाने के पास 5 बादाम भिगोकर पानी में रख दें और अगले दिन उन बादाम को किसी धर्मस्थल या मन्दिर में दान कर दें, जबकि बचे हुए पानी को किसी पौधे या पेड़ की जड़ में डाल दें।
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