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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र लाल बहादुर शास्त्री जयंती: पढ़िए जय जवान, जय किसान जैसी कई अनमोल विचार

लाल बहादुर शास्त्री जयंती: पढ़िए जय जवान, जय किसान जैसी कई अनमोल विचार

जय जवान, जय किसान नारा से पूरे देश में एक नई लहर का उदय करने वाले साथ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज जयंती है।

<p>लाल बहादुर शास्त्री</p>- India TV Hindi लाल बहादुर शास्त्री

नई दिल्ली: जय जवान, जय किसान नारा से पूरे देश में एक नई लहर का उदय करने वाले साथ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज जयंती है। अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता, क्रांतिकारी व्यक्तित्व और जन कल्याणी विचारों के लिए हमेशा वह दिल में रहते हैं। शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को आज के उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वह अपने देश और देशवासियों के सम्मान और रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार थे, जो कि उनके व्यक्तित्व को महान बनाता है। आपको बता दें कि इसी के चलते उन्होंने देश को मुसीबत से निकालने के लिए भोजन करना भी छोड़ दिया था और साथ ही वेतन लेने से भी मना कर दिया था।

क्यों छोड़ दिया खाना...
1962 के युद्ध में भारत को बहुत नुकसान हुआ था। इसी का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने 1965 में युद्ध छेड़ दिया। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाक को मुंहतोड़ जवाब देकर हरा दिया। युद्ध के दौरान भारत में वित्तीय संकट गहरा गया था। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री ने रामलीला मैदान से लोगों से अपील की कि, सभी अपने फालतू के खर्चे छोड़ दें और हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें। जिससे भारत को अमेरिका से गेंहू ज्यादा ना खरीदना पड़े और भारत को जल्दी वित्तीय संकट से उबर पाए। इसलिए उन्होंने खुद भी एक दिन उपवास रखना शुरू कर दिया था।

वेतन लेने से कर दिया था मना...
इस वित्तीय संकट से देश को निकालने और देशवासियों के सामने प्रेरणा बनने के लिए उन्होंने अपना वेतन लेने से भी मना कर दिया था। यहां तक कि कहा जाता है कि एक बार शास्त्री जी की धोती फट गई थी तो उन्होंने नई धोती की जगह फटी धोती ही सिलने का आदेश दिया था।

"जय जवान, जय किसान। ~ लाल बहादुर शास्त्री"

जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री

यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तथा शत्रुता होती रहेगी तो हमारी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। परस्पर लड़ने की बजाय हमें गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए। दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान हैं। उन्हें लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री

"लोगो को सच्‍चा लोकतंत्र और स्‍वराज कभी भी हिंसा और असत्‍य से प्राप्‍त नहीं हो सकता।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री

"क़ानून का सम्‍मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और, और भी मजबूत बने।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री

"यदि कोई एक व्‍यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

"हमारा रास्‍ता सीधा और स्‍पष्‍ट है। अपने देश में सबके लिए स्‍वतंत्रता और संपन्‍नता के साथ समाजवादी लोकतंत्र की स्‍थापना और अन्‍य सभी देशों के साथ विश्‍व शांति और मित्रता का संबंध रखना।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

हमारा रास्‍ता सीधा और स्‍पष्‍ट है। अपने देश में सबके लिए स्‍वतंत्रता और संपन्‍नता के साथ समाजवादी लोकतंत्र की स्‍थापना और अन्‍य सभी देशों के साथ विश्‍व शांति और मित्रता का संबंध रखना।" ~ लाल बहादुर शास्त्री

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