धर्म डेस्क: 16 अप्रैल, सोमवार को सोमवती अमावस्या है। हमने आपको कल ही बताया था कि आज स्नान-दानादि की सोमवती अमावस्या है। किसी भी माह की अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और स्नान-दान का बहुत महत्व होता है। श्राद्ध और तर्पण आदि तो कल ही किया जा चुका है, आज सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान किया जायेगा।
अमावस्या पवित्र तिथि है। इस तिथि पर पितृओं की पूजा की जाती है। जिससे पितृदोष और कालसर्प दोष की शांति होती है। वैशाख मास की अमावस्या सोमवार को होने से सोमवती अमावस्या हो गई है। सोमवार को अमावस्या का संयोग साल में 2-3 बार बन जाता है, लेकिन देव नक्षत्र अश्विनी के साथ पवित्र वैशाख मास में ये संयोग बहुत ही कम बन पता है। इसलिए ये अमावस्या पितृदोष और कालसर्प दोष निवारण के लिए बहुत ही खास हो गई है।
बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि अमावस्या पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस वजह से लोग जाने अनजाने में ऐसे काम भी कर देते हैं जिससे उन्हे दोष लगता है। वहीं कुछ ऐसे छोटे-छोटे उपाय भी होते हैं जिनको करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। जानिए इस सोमवती अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष निवारण के उपाय और साथ ही जानें क्या करें और क्या न करें।
क्या करें
सोमवती अमावस्या पर धान, पान, हल्दी, सिन्दूर और सुपारी से पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा की जाती है। हर परिक्रमा पर इनमें से कोई भी एक चीज चढ़ाएं। उसके बाद अपने सामर्थ्य यानी जितना दान आप दे सकें उस हिसाब से फल, मिठाई, खाने की चीजें या सुहाग सामग्री किसी मंदिर के पुजारी या गरीब ब्रह्मण को दान दें।
इसके अलावा अन्य लोग सुबह जल्दी उठकर शिवजी को जल चढ़ाएं। गरीबों को खाने की चीजें दान दें। पितृओं की पूजा करें। पितृओं के लिए ब्राह्मण या किसी मंदिर के पुजारी को भोजन करवाएं। गाय, कुत्ते और कौवों को रोटी खिलाएं।
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