धर्म डेस्क: बर्फीली हवाओं व सर्द मौसम के बीच 'सोमवती अमावस्या' के अवसर पर सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड में कई जगहों पर गंगा में पवित्र डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच हरिद्वार व ऋषिकेश में गंगा घाटों पर डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे गरीबों व निराश्रितों को भिक्षा दी और पूजा-अर्चना की।
हरिद्वार के हर की पौड़ी में काफी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और नारायण शिला व कुश्वार्ट घाट में अपने करीबी दिवंगतों के लिए प्रार्थना की। भविष्यद्रष्टाओं का मानना है कि यह 'विशेष शुभ संजोग' 12 वर्ष बाद आया है। इस तरह का विशेष अवसर वर्ष 2005 में आया था। इस दिन दिवंगत हो चुके अपने करीबियों व रिश्तेदारों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
बता दें कि 18 दिसंबर की सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर चतुर्दशी तिथि यानि अमावस्या थी। अतः पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी। इस बार अमावस्या के दिन बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा था। ऐसा संय़ोग 12 साल बाद बन रहा था। इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है। जिसके कारण इस दिन किया गया अच्छा काम आपको दोगुना अधिक फल देगा।
बता दें कि अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध करने की परंपरा है। आज के दिन पितरों का श्राद्ध करने और कुछ उपाय करने से आपकी बहुत-सी समस्याओं का हल निकलेगा। आपकी बिजनेस संबंधी समस्याओं का हल निकलेगा। आपके कामों को तरक्की मिलेगी। आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। परिवार में खुशियों का आगमन होगा। आपको अपनी मेहनत का उचित फल मिलेगा और साथ ही जीवन से अस्थिरता दूर होगी। जानिए इस दिन किया उपाय करना चाहिए।
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