Surya Grahan 2017: कब है सूतक काल? सूर्य ग्रहण पर क्या करें और क्या ना करें
सूर्य ग्रहण 2017, हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसे सूतक काल भी कहा जाता है।
नई दिल्ली: आज इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लग चुका है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसे सूतक काल भी कहा जाता है। भारतीय समय के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण सोमवार को रात में 9.15 बजे से शुरू हुआ और 22 अगस्त सुबह 2.34 बजे खत्म होगा। 11.51 मिनट पर इसका मध्यकाल होगा।
सूतक काल क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूतक काल के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले और ग्रहण के 12 घंटे बाद के समय को सूतक काल कहा जाता है। इस दौरान मंदिरों के द्वारा बंद रहते हैं और वहां पूजा भी नहीं की जाती है।
क्या करें और क्या ना करें?
- सूर्य ग्रहण की शुरुआत से लेकर अंत तक आपको मंत्रों का उच्चारण, ध्यान, प्रार्थना और हवन करना है।
- हालांकि, इस दौरान मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए।
- सूतक काल पूरा होने पर स्नान करें और नए वस्त्र धारण कर भगवान की मूर्तियों पर गंगाजल छिड़कें।
- इस दौरान कुछ भी खाने, पकाने, शौच और सोने जैसे अन्य कार्य नहीं करे।
- सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र या अपने गुरु के मंत्र का जाप करें।
- मंदिर में दीपक या दीया भी प्रज्वलित करें।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?
- सूर्य ग्रहण के बाद स्नान कर नए वस्त्र धारण करने चाहिए। ग्रहण के बाद पूर्वजों को श्रद्धांजलि दें और गरीबों एवं जरूरतमंदों को दान दें।
- जो लोग सूर्य ग्रहण के प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं वे ग्रहण की शुरुआत को अंत पर स्नान जरूर करें।
- ग्रहण के मध्य अंतराल में ध्यान करना ना भूलें। ग्रहण के अंत में दान करना शुभ माना जाता है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान आप किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। सूर्य मंत्र का जाप करना भी शुभ फलदायी रहता है।
- इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र के उच्चारण से भी जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ें:- 21 अगस्त को है साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, जरूर बरतें ये सावधानियां
Surya Grahan 2017: साल के सबसे बड़े सूर्य गृहण का किन राशियों पर होगा क्या असर, जानिए