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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र सूर्य ग्रहण 2018: चांद के बाद अब सूर्य में लग रहा है ग्रहण, जानिए कब और कहां होंगे दीदार

सूर्य ग्रहण 2018: चांद के बाद अब सूर्य में लग रहा है ग्रहण, जानिए कब और कहां होंगे दीदार

ज्योतिष के अनुसार यह सूर्य ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में लग रहा है और शतभिषा राहु का नक्षत्र है। इसलिए इसी कारण इस नक्षत्र से संबंधित राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण परेशानी का कारण बन सकता है।

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नई दिल्ली: 15 फरवरी को चंद्र ग्रहण के बाद आप साल के पहले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse Date And Time) के लिए तैयार हो जाइए। आज यह खगोलीय घटना होने वाला है लेकिन आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण 15 फरवरी की रात 12 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और 16 फरवरी की सुबह 4 बजे इसका मोक्ष होगा। इस साल 3 सूर्य ग्रहण पड़ेगे जो कि आंशिक होगे और यह भारत में नहीं दिखेगे। जबकि कुछ देशों में ही नजर आएंगा। लेकिन इसका असर हर राशि के जातकों पर पड़ेगा।

ज्योतिष के अनुसार यह सूर्य ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में लग रहा है और शतभिषा राहु का नक्षत्र है। इसलिए इसी कारण इस नक्षत्र से संबंधित राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण परेशानी का कारण बन सकता है।

इन जगहों पर दिखेगा सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण आंशिक होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा बल्कि ये दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में दिखाई देंगे।

जानिए साल 2018 में कब-कब है सूर्य ग्रहण
साल 2018 पहला सूर्यग्रहण: साल का पहला सूर्य ग्रहण 15 फरवरी को पड़ रहा है। जो कि भारत में नहीं दिखेगा।
साल 2018 दूसरा सूर्यग्रहण: साल का दूसरा सूर्यग्रहण 13 जुलाई को होगा। यह भी आंशिक सूर्यग्रहण ही होगा। जो कि केवल ऑस्‍ट्रेलिया में नजर आएगा।
साल 2018 तीसरा सूर्यग्रहण: साल का तीसरा सूर्यग्रहण 11 अगस्‍त को होगा। पहले के दो सूर्यग्रहणों की तरह यह भी आंशिक सूर्यग्रहण होगा। जो कि भारत में नहीं दिखेगा।

क्या है सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा, सूर्य एवं पृथ्वी के मध्य में आता है तो यह पृथ्वी पर आने वाले सूर्य के प्रकाश को रोक लेता है और सूर्य में अपनी छाया बना देता है। इस खगोलीय घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है तब यह पूर्ण सूर्यग्रहण होता है। लेकिन जब जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है तब यह आंशिक सूर्यग्रहण होता है। वहीं, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह न ढकते हुए केवल उसके केन्द्रीय भाग को ही ढकता है तब उस अवस्था को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

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