Solar Eclipse 2018: 13 जुलाई को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, भूलकर भी न करें ये काम
आज सूर्य ग्रहण के दौरान आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इस बारें में जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
धर्म डेस्क: आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की स्नान-दान की अमावस्या है। आज के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बड़ा ही फलदायी माना जाता है। आज के दिन कुछ न कुछ दान भी जरूर करना चाहिए। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। साथ ही आपको बता दूं कि आज के दिन खण्डग्रास सूर्यग्रहण भी है। जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से ढक जाता है, तब सूर्यग्रहण लगता है। इस बार सूर्य आंशिक रूप से ढका हुआ दिखाई देगा और आंशिक रूप से ग्रहण को खण्डग्रास ग्रहण कहते हैं। अतः आज खण्डग्रास सूर्यग्रहण है। ग्रहण के समय चन्द्रमा मिथुन राशि और पुनर्वसु नक्षत्र में रहेगा। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में अदृश्य है।
यह ग्रहण दक्षिण गोलार्द्ध में विल्किस आइलैंड को छोड़कर सम्पूर्ण अंटार्कटिका में तस्मानिया, दक्षिण अमेरिका के सुदूर दक्षिण भागों में, फॉकलैंड और स्टीवर्ट आइलैंड में दिखाई देगा। तो इस सूर्यग्रहण का क्या असर पृथ्वी पर होगा, विभिन्न राशि वाले लोगों पर इसका क्या असर होगा, उनकी जन्मपत्रिका में किस स्थान पर ग्रहण लगेगा। आज ग्रहण के दौरान आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इस बारें में जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
सूर्यग्रहण का समय
आज सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर ग्रहण का स्पर्शकाल लग चुका है, जबकि इसका मध्य काल सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर होगा।
सूर्य ग्रहण में न करें काम
- ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए।
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए।
- सुई में धागा नहीं डालना चाहिये।
- कुछ काटना, छीलना नहीं चाहिये।
- कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिये।
- पूजा-पाठ करना चाहिए और सूर्यदेव के मंत्रों का तेज आवाज़ में उच्चारण करना चाहिए। सूर्यदेव का एक महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार है- 'ऊं घृणिः सूर्याय नमः'। इस मंत्र का जाप करने से आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी।
- जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाये तब उस कपड़े और अनाज को आदरसहित, रिक्वेस्ट के साथ किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।