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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, जानिए कैसे करें पूजा

इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, जानिए कैसे करें पूजा

दीपोत्सव के दौरान अलग-अलग दिन शुभ योग और संयोग बनेंगे, जो लोगों के जीवन में समृद्धि लाएंगे। पंच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी, जो एक नवंबर भाईदूज के साथ समाप्त होगा। जानिए शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि।

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ऐसे करें माता सरस्वती की पूजा
अपने हाथ में अक्षत औप फूल लेकर माता का ध्यान करते हुए इस मंत्र को बोलें-

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

इसक बाद फूल और अक्षत माता के समीप चढ़ा दें और विधि-विधान के साथ माता की पूजा करें।

पूजा के बाद अपने हाथ जोड़कर इस मंत्र से प्रार्थना करें-
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥

ऐसे करें कुबरे की पूजा
सबसे पहले कुबेर देवता के सामने अक्षत और फूल लेकर आवाहन करें-
आवाहयामि देव त्वामिहायामि कृपां कुरु।
कोशं वर्द्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेच्श्र।।

इसके बाद इस मंत्र से ध्यान करें-
मनुजवाह्यविमानवरस्थितं, गरुड़रत्ननिभं निधिमायकम्।
शिवसंख मुकुटादिविभूषितं, वरगदे दधतं भज तुंदिलम्।।

इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें और फिर हाथ जोड़कर इस मंत्र से कुबेर से प्रार्थना करें-
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।
भगवन् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।

ऐसे करें चीजों का विसर्जन
जब आप दूसरें दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी के अलावा सभी चीजें विसर्जन करने जा रहे है तो हाथ में लेकर गणेश एवं महालक्ष्मी की प्रतिमा को छोड़कर सभी आवाहित, प्रतिष्ठित एवं पूजित देवताओं पर चावल छोड़ते हुए इस मंत्र से विसर्जित करें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनरागमनाय च।।

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