नई दिल्ली: भारत देश एक ऐसा देश है जो आश्चर्यो से भरा हुआ है। इस देश के हर राज्य के हर शहर के कोने-कोने में कोई न कोई अदुभुत जगह मौजूद है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य का कानपुर शहर एक ऐसा शहर है जो अपने ऐसिहासिक धरोहरों के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस शहर में ऐसिहासिक धरोहरों के साथ ऐसे धार्मिक स्थल भी है जिनके बारें में न आपने सुना होगा न जाना होगा।
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इन्ही ऐसिहासिक और धार्मिक धरोहरों का एक नमूना है जगन्नाथ मंदिर। इसे गांव के लोग इन्हें ठाकुर जी बाबा के नाम से भी पुकारते है। जो अपनी खासियत के कारण प्रसिद्ध है। यह मंदिर कानपुर जनपद भीतरगांव विकासखंड मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर बेहटा गांव में है।
इस मंदिर की खासियत यह है कि बारिश होने के सात दिन पहले ही इसके गर्भ ग्रह की छत से पानी की बूंदे टपकने लगती है। सबसे बड़ा अजूबा यह है कि इससे टपकी हुई बूंदे भी बारिश की बूंदों के आकार में होती है। इतना ही नही जिस दिन बारिश होने लगती है। उस दिन से बूंदे टपकना बंद हो जाती है।
तमाम सर्वक्षणों के बाद भी इसकी साफ वजह पता नही कर पाए कि यह बूंदे कैसे टपकती है वो भी बारिश होने के सात दिन पहले से ही क्य़ों। इस बात को कोई भी नही समझ पा रहा है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम की मूर्ति स्थापित है। यह मूर्तिया काले चिकने पत्थर की बनी हुई है।
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