नवीं भक्ति-
नवम् सरल सब सन छल हीना। मम भरोस हियं हखन दौना।।
श्री राम ने शबरी से नवीं भक्ति के बारें में कहा कि जो लोग मेरी भक्ति सरलता से बिना कपट के करते है। जिनका व्यवहार दूसरें के लिए अच्छा हो। जिसे खुद के दिल पर भरोसा हो फिर चाहें जैसी भी दुख या सुख आएं।
भगवान ने शबरी को यह 9 गुण बता कर कहा कि हे शबरी यदि इन 9 भक्ति में से अगर किसी इमसान के पास कोई भी भक्ति है तो मैं उसे आसानी से प्राप्त हो जाता हूं। चाहे वह कोई भी हो यानि कि स्त्री , पुरूष या फिर जड़ या चेतन ही क्यों न हो। वह मेरा प्रिय बन जाता है। फिर तुम्हारें अंदर तो यह नौ गुण है और साधत ही दृढ़ विश्वास भी है। इसलिए मैं आज तुम्हें वह गति प्राप्त कराऊंगा जो किसी भी मनुष्य को बड़े-बड़े योग, तपस्या करने से प्राप्त नही होता है। इसके बाद श्री राम ने कहा कि जो मेरे दर्शन से परम अनुपम फल यह है कि जीव अपने सहज स्वरूप से प्राप्त हो जाता है। आज वही फल मैं तुझे देता हूं।
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