उज्जैन: पृथ्वी लोक के अधिपति राजा महाकाल ने महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बुधवार को सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को दिव्यरूप में दर्शन दिए। वहीं दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन होने वाली भस्मारती संपन्न हुई। भस्मारती में शैव संप्रदाय के श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत प्रकाशपुरी महाराज ने अघोर मंत्र के साथ महाकाल को भस्म रमाई।
राजा को अर्पित की जा रही भस्मी के समय भक्त मंत्रमुग्ध होते नजर आए। गौरतलब है कि वर्ष में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भक्तों को दोपहर में भस्मारती का दर्शन लाभ मिलता है। बाकी 364 दिन तड़के 4 बजेमहाकाल को भस्म रमाई जाती है।
44 घंटे दर्शन देने के बाद रात 11 बजे महाकाल ने किया शयन
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल सोते नहीं है,और सतत 44 घण्टे अपने भक्तों को दर्शन देते है। बुधवार रात 11 बजे महाकाल ने भक्तों को दर्शन देने के बाद शयन किया।
चंद्र दर्शन की द्वितीया पर होंगे पंचमुखारविन्द के दर्शन
महाशिवरात्रि पर्व के दो दिन बाद 17 फरवरी शनिवार फाल्गुन शुक्लपक्षद्वितीया को वर्ष में एक बार होने वाले पंचमुखारविंद के दर्शन भगवान महाकाल भक्तों को देंगे। इस दिन बाबा पांच अलग अलग स्वरूप में श्रृंगारित होंगे।
रिपोर्ट इनपुट-प्रतीख खेड़कर
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