धर्म डेस्क: माता शीतला की पूजा करने का विधान है। अतः आज के दिन माता शीतला की उपासना की जायेगी। साथ ही आज के दिन उनके निमित्त व्रत रखने और बांसी भोजन करने की भी परंपरा है। कहते हैं गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाडू तथा कलश धारण किये हुए, सूप से अलंकृत मस्तक वाली माता शीतला अपने भक्तों के हर संकट को दूर करती हैं, उन्हें हर प्रकार की परेशानी और बीमारी से बचाकर रखती हैं, साथ ही लंबी आयु का वरदान देती हैं। अतः आज के दिन किस प्रकार माता शीतला की उपासना करनी चाहिए और अलग-अलग शुभ फलों की प्राप्ति के लिये विभिन्न राशि वालों को उपाय करने चाहिए। साथ ही मंत्र महोदधि में दिए माता के 9 अक्षरों वाले मंत्र का किस प्रकार प्रयोग करना है, ये भी जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से...
शुभ मुहूर्त
सुबह 06: 41 से शाम 06: 21 तक रहेगा। अष्टमी तिथि 9 मार्च यानी शुक्रवार से सुबह 3:44 से शुरू होगी जो शनिवार सुबह 6 बजे तक रहेगी।
मेष राशि
किसी भी प्रकार के भय, रोग आदि से छुटकारा पाने के लिये आज के दिन आप शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये माता शीतला के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है-
वन्देSहं शीतलां देवीं सर्वरोग भय अपहाम्।
यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।।
आज के दिन माता शीतला के इस मंत्र का जाप करने से आपको हर प्रकार के भय, रोग आदि से छुटकारा मिलेगा।
वृष राशि
अपने घर की सुख-समृद्धि के लिये आज के दिन किसी रास्ते के पत्थर को अच्छे से धोकर, साफ करके, उसकी रोली-चावल आदि से पूजा-अर्चना करें। साथ ही किसी मीठी चीज़ का भोग लगाएं। दरअसल रास्ते के पत्थर को माता शीतला का ही रूप माना जाता है। अतः शीतलाष्टमी के दिन रास्ते के पत्थर को माता का स्वरूप मानकर पूजने की परंपरा है। आज के दिन ऐसा करने से आपके घर की सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहेगी।
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