धर्म डेस्क: आज शरद पूर्णिमा है, जो कि शरद ऋतु के आने का संकेत है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को ‘शरद पूनम’ या ‘रास पूर्णिमा’ भी कहते हैं। आपको बता दूं, शरद पूर्णिमा की रात बड़ी ही खास होती है। इस रात को चांद की रोशनी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं। दरअसल इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक होता है, जिसके चलते चंद्रमा की रोशनी का और उसमें मौजूद तत्वों का सीधा और पॉजिटिव असर पृथ्वी पर पड़ता है।
जो लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, जो डिप्रेशन में रहते हैं, जिन्हें किसी काम को लेकर बहुत डर लगा रहता है, जो बहुत जल्दी इरिटेट हो जाते हैं या जो मन से कमजोर होते हैं, उनके लिये आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है।
मान्यताओं के अनुसार आज के किसी खास शुभ मुहूर्त में आसमान के नीचे खीर रखना बहुत ही जरुरी माना जाता है। इसे खाने से सेहत से जुड़े कई फायदे होते है। (Sharad Purnima 2018: शरद पूर्णिमा के दिन ऐसे बनाएं चांदनी रात में रखने के लिए टेस्टी खीर )
शरद पूर्णिमा की खीर को बाहर रखने का शुभ मुहूर्त
जैसे ही चांद की रोशनी धरती पर पड़ने लगे या उस जगह, जहां आप खीर रखने वाले हैं - तो तुरंत ही कटोरी में खीर डाल कर विधि पूर्वक उसे पूर्णिमा के चांद की रोशनी में रख दें। इसके बाद जाप और पूजन करें।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अक्टूबर 2018 की रात 10:36 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर की रात 10:14 मिनट
ऐसे रखें खीर
खीर को मिट्टी या चांदी के बर्तन में ही बाहर रखें। साथ ही ध्यान दें कि खीर को सुरक्षित स्थान पर रखें, इसे कोई जानवर झूठा ना कर सके। रात 12 बजे के बाद आप खीर को उठाकर उसका प्रसाद बांटें। (Sharad Purnima SMS, Quotes, Whatsapp Messages: आज ऐसे दें अपने करीबियों को शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं )
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