आध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा- आयुर्वेद को मिलनी चाहिए एलोपैथिक जैसी मान्यता
आध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर ने इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में बताया कि हल्दी कोरोना के असर को कम करने में मददगार है।
इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में आस्था जगाने और जीवन को अनवरत आगे बढ़ाने के प्रयास में इंडिया टीवी कई धर्मों के महागुरुओं के साथ 'सर्वधर्म सम्मेलन' कर रहा है। इस महाआयोजन में 20 महागुरुओं की संतवाणी सुनने का मौका मिलेगा। इन महागुरुओं के साथ आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर भी शामिल हुए।
श्री श्री रविशंकर ने बताया कोरोना वायरस से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं। आयुर्वेद के जरिए कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हल्दी और काली मिर्च का सेवन करें खाने में तुलसी का इस्तेमाल करें। यह शरीर को निरोगी बनाने में मदद करते हैं। साथ में प्राणायाम, ध्यान और योग करें। इससे प्राण शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। आध्यात्म गुरु ने बताया सफेद चीनी का इस्तेमाल ना करें। इससे आपके शरीर में 2 घंटों तक एंडीबॉडीस काम नहीं करते हैं। इसकी जगह शहद और गुड़ का सेवन करें। यह आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं है, इसका उपचार बहुत लाभदायक होता है। आप दूसरी दवाइयों के साथ भी इसे ले सकते हैं। इसे एलोपैथिक जैसी मान्यता मिलनी चाहिए।
श्री श्री रविशंकर ने कहा- यहां गरीब लोग ज्यादा हैं, ऐसे में सभी धार्मिक गुरुओं की जिम्मेदारी है कि वो सभी को समझाएं कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अगले 2 महीनों तक सतर्क रहने की जरुरत है। यह परिस्थिति तीसरे विश्व युद्ध से कम नहीं है। न्यूजीलैंड, सिंगापुर, चीन, जापान और कोरिया इस महामारी पर कंट्रोल पा लिया है। हमे भी जल्द इस पर काम करना होगा।
लॉकडाउन में घर पर फ्री समय का सही उपयोग करें। खाली समय में कुछ नई चीजें सीखें, नई भाषाएं सीखें, अलग-अलग प्रांत के व्यंजन बनाए। घर पर बैठकर प्रार्थना करें।