किसी से धर्म, जाति नहीं जरूरत पूछें- मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ ने कहा इस महामारी से निकलने के लिए खुद को लॉकडाउन करें।
पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में आ चुका है। ऐसे समय में सभी को घर में रहने की सलाह दी जा रही है। साथ ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके। मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए और बताया कैसे खुद को इस कोरोना वायरस से बचाएं साथ ही किसी की मदद करने से पहले उनकी जाति या धर्म के बारे में ना पूछें।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ ने इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में कहा कि जैसे लॉकडाउन 1 और 2 के वक्त आपने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया था, वैसा अभी भी रखिए, तभी हम इस बीमारी से को हरा पाएंगे। साथ ही रमजान के महीने की बात करते हुए उन्होंने कहा- इस साल मुसलमानों ने संयम के साथ रमजान का महीना गुजारा, यह एक महीना मुसलमानों के लिए हर साल लॉकडाउन की तरह होता है। इस बार रमजान के महीने का असल मतलब लोगों को समझ में आया।
उन्होंने सर्वधर्म सम्मेलन में कहा - लोगों की जरूरत को समझकर उनकी मदद करके हम हर दिन ईद मना सकते हैं। लोगों से आप उनका धर्म या जाति नहीं बल्कि उनके जरूरतें पूछें। कोरोना वॉरियर्स को नुकसान पहुंचाने वाले और लोगों पर थूकने वाले लोगों पर मौलाना ने कहा- इन लोगों ने धर्म को समझा नहीं, ये लोग खुद को धर्म से जुड़ा बताते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि जितना फोर्स लगाकर वो बोलते हैं वो लोग धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। वे अपनी पसंद को ही अपना धर्म बनाते हैं। अपनी सोच को ही वो धर्म बताते हैं। ऐसी सोच फिर घृणा और नफरत पैदा करती है।
आपको बता दें कि इंडिया टीवी पर सर्वधर्म सम्मेलन हो रहा है, जिसमें देश के प्रतिष्ठित 20 महागुरु शामिल हो रहे हैं। ये महागुरु कोरोना काल में धैर्य और संयम रखने के साथ साथ जनता को कोरोना से लड़ने के लिए शक्ति लेने का मार्ग भी बताएंगे और कोरोना काल में कैसे स्वस्थ औऱ सुरक्षित रहा जाए, ये भी बताएंगे।