A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र संकष्टी चर्तुथी आज: इस शुभ मुहूर्त में करें श्री गणेश की ऐसे पूजा, होगी पुत्र की प्राप्ति

संकष्टी चर्तुथी आज: इस शुभ मुहूर्त में करें श्री गणेश की ऐसे पूजा, होगी पुत्र की प्राप्ति

भादो मास की इस चतुर्थी का व्रत रखने से सब तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है और आपकी इच्छा पूरी होती हैं। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना के लिए माताओं को यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। जानिए कैसे करें श्री गणपति को प्रसन्न करने की.

ganesha

शाम के समय फिर से नहा-धोकर, साफ कपड़े पहनकर एक साफ स्थान पर या मंदिर में ही आटे से चौक पूरकर गणेश जी की मिट्टी से बनी मूर्ति को मिट्टी के कलश पर स्थापित करें और भगवान को नये वस्त्र चढ़ाएं। उसके बाद धूप-दीप, गंध, फूल, अक्षत, रोली आदि से गणेश जी का पूजन करें और बेसन के लड्डूओं या मोदक का भोग लगाएं।

गणेश पूजा में एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी को कभी भी तुलसी पत्र ना चढ़ाएं। इस तरह गणेश भगवान की पूजा के बाद चन्द्रमा के उगने पर उन्हें अक्षत, जल और भोग से अर्घ्य दें।

स्मृति कौस्तुभ के पृष्ठ 171 से 177, व्रतरत्नाकर के पृष्ठ 120 से 127 और धर्मसिन्धु के पृष्ठ 74 के अनुसार- चतुर्थी के दिन चन्द्रोदय अर्थात् सूर्यास्त के बाद 8 घटिकाओं के समय गणेश-प्रतिमा पूजा, कलश-स्थापना, 16 उपचार, 1008, 108, 28 या 8 मोदकों का निर्माण, दिन भर उपवास या चन्द्रोदय होने तक भोजन ग्रहण न करना, जीवन भर या 21 वर्षों तक या एक वर्ष तक व्रत, दान तथा 21 ब्राहम्णों को भोजन कराना चाहिए। कहा जाता है कि तारकासुर को हराने के लिए शिव जी ने भी इस व्रत को किया था।   

एक बात और बता दूं कि इस दिन गाय और बछड़ा पूजन का भी विशेष महत्व है। आज शाम के समय गाय और उसके बछड़े की पूजा जरूर करें और उन्हें जौ व सत्तू का भोग लगाएं। व्रत के पारण में भी यही भोग लिया जाता है और चन्द्रदेव को भी इसी भोग का अर्घ्य दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन गेहूं एवं चावल से बनी चीज़ों को ग्रहण नहीं करना चाहिए। साथ ही दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करना भी वर्जित है। इस दिन गाय के दूध पर केवल उसके बच्चे, यानी बछड़े का ही अधिकार होता है।  

Latest Lifestyle News