धर्म डेस्क: आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। यह चतुर्थी बहुला चतुर्थी या बहुला चौथ के नाम से भी चर्चित है। वैसे तो संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है, लेकिन साल में माघ, श्रावण, मार्गशीर्ष और भाद्रपद के महीने में संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन गणपति के एकदंत रूप की पूजा का विधान है।
भादो मास की इस चतुर्थी का व्रत रखने से सब तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है और आपकी इच्छा पूरी होती हैं। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना के लिए माताओं को यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। जानिए कैसे करें श्री गणपति को प्रसन्न, गणेश जी के कौन से उपाय से मिलेगी परेशानियों से मुक्ति। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन समस्याओं का निवारण।
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शुभ मुहूर्त
चुर्थी तिथि कल रात 11 बजकर 27 मिनट से लग गई है। जो कि आज रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी।
पूजा विधि
गणेश जी की मिट्टी की मूर्ती, कलश, चंदन, रोली, अबीर, धूपबत्ती, सिंदूर, कपूर, फल-फूल, 108 दूब, घी का दीपक, पान-सुपारी, पंचामृत, बेसन के लड्डू का प्रसाद, चौक पूरने के लिए आटा, चावल, गंगा जल, इत्र तथा हवन सामग्री। इस दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान आदि के बाद दाएं हाथ में फूल, अक्षत और जल लेकर सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। इस व्रत में पूरा दिन बिना अन्न के रहने का विधान है और शाम के समय गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करने पर ही व्रत तोड़ा जाता है।
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