धर्म डेस्क: प्रदोष व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष तिथि है। इस तिथि में व्रत व पूजन का विशेष महत्व होता है और ऐसी माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस तिथि में पूजन करता है। उसको मां पार्वती व भगवान शंकर की कृपा मिलती है। इस बार यह व्रत 20 मार्च, रविवार को है। रविवार को होने से इस बार रवि प्रदोष व्रत है।
ये भी पढ़े-
पुराणों के अनुसार माना जाता है कि रवि प्रदोष व्रत करने से आयु लंबी होती है और बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पडने के कारण शिव और माता पार्वती के साथ ही शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होगी। प्रदोष व्रत त्रयोदशी क दिन रखा जाता है। ज्योतिषों के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत पुण्यकारी है।
पुराणों के अनुसार माना जात है कि इस अवधि के बीच भगवान शिव कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए इसकी पूजा विधि, कथा और महत्व के बारें में।
प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत को रखने से आपको दो गायों को दान देने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत रखने और शिव की आराधना करने पर भगवान की कृपा आप पर हमेशा रहती है। जिससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से आप और आपका परिवार हमेशा आरोग्य रहता है। साथ ही आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जिनको संतान प्राप्ति की कामना हो, उन्हें शनिवार के दिन पडने वाला प्रदोष व्रत करना चाहिए। इससे आपको अच्छा फल प्राप्त होगा।
अगली स्लाइड में पढ़े पूजा-विधि, कथा के बारें में
Latest Lifestyle News