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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Raksha Bandhan 2018: रक्षाबंधन पर बन रहा है 4 साल बाद विशेष संयोग, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Raksha Bandhan 2018: रक्षाबंधन पर बन रहा है 4 साल बाद विशेष संयोग, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

रक्षाबंधन 2018: इस बार का रक्षाबंधन कुछ खास है। इस बार इस दिन शुभ संयोग बनने जा रहा है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजनविधि और मनाने के कारण को।

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धर्म डेस्क: रक्षाबंधन के त्योहर का हर भाई-बहन को बेसब्री से इंतजार होता है। यह त्योहार हर साल सावन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल ये 26 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाईयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधती है। इसके साथ ही आरती और तिलक कर रक्षा का वजन लेती है। इसके साथ ही कुछ मीठा खिलाकर अपने प्यार को दर्शाते है।

इस बार का रक्षाबंधन कुछ खास है। इस बार इस दिन शुभ संयोग बनने जा रहा है। जो कि 4 साल बाद बन रहा है। इस बार रक्षाबंधन के दिन भाद्रा का साया नहीं पड़ रहा है। जिससके कारण इस बार रक्षाबंधन ग्रहण से मुक्त है। (रक्षाबंधन 2018: इस दिन बहन भाई को बांधे राशिनुसार इस रंग की राखी, मिलेगा दुर्भाग्य से मुक्ति )

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त  
मान्ताओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन दोपहर में भाई को राखी बांधनी चाहिए। अगर आपको दोपहर में समय नहीं है तो प्रदोष काल में बांधना शुभ माना जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त। (रक्षाबंधन 2018: इस दिन बहन भाई को बांधे राशिनुसार इस रंग की राखी, मिलेगा दुर्भाग्य से मुक्ति )

राखी बांधने का समय: सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक (26 अगस्‍त 2018)
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 4 बजकर 12 मिनट तक (26 अगस्‍त 2018)

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: दोपहर 03 बजकर 16 मिनट (25 अगस्‍त 2018)
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: शाम 05 बजकर 25 मिनट (26 अगस्‍त 2018)

राखी बांधने की पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को इस तरह राखी बांधें। सबसे पहले राखी की थाली सजाएं। इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं। अगर भाई आपसे बड़ा है तो चरण स्‍पर्श कर उसका आशीर्वाद ले।

अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्‍पर्श करना चाहिए। राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्‍छा और सामर्थ्‍य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए। ब्राह्मण या पंडित जी भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं।
ऐसा करते वक्‍त इस मंत्र का उच्‍चारण करना चाहिए:
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

राखी बंधवाते समय भाई को किस दिशा में अपना मुंह करें
राखी बंधवाते समय भाई अपना मुंह पश्चिम दिशा में करके बैठें। दरअसल सुबह 05:30 बजे चन्द्रमा कुंभ राशि में 3 डिग्री का था और ये सारे दिन उत्तर की तरफ बढ़ेगा। इस स्थिति में अगर आप पश्चिम की ओर बैठेंगे तो सुबह सुबह चन्द्रमा आपके सामने होगा और बाकी दिन ये दाहिनी ओर जाता जायेगा। आपको बता दूं कि सामने का और दाहिनी ओर का चन्द्रमा शुभ होता है। अतः राखी बंधवाते समय भाई अगर पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके बैठ तो अच्छा होगा।

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